लखनऊ,समाचार10 India। 26 जून को होने वाले राष्ट्रीय शराबबंदी महासम्मेलन की कोर कमेटी की अहम बैठक सामाजिक संस्था शराब बंदी संघर्ष समिति के कार्यालय 114 इंसाफ नगर इंदिरा नगर लखनऊ में आर्य समाज के प्रधान देवेंद्र पाल की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में शराब बंदी संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुर्तुजा अली मौजूद थे। कमेटी की इस महत्वपूर्ण बैठक में सदस्यों ने 26 जून को होने वाले राष्ट्रीय शराबबंदी महासम्मेलन कार्यक्रम को सफल बनाने और शराब के सेवन से होने वाले खतरों और नुकसान के बारे में लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से जागरूकता अभियान चलाए जाने के संबंध में अपनी अपनी राय पेश की।जिसमें सर्वप्रथम कार्यक्रम अध्यक्ष आर्य समाज के प्रधान देवेंद्र पाल जी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि शराबबंदी कार्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए जागरूकता शिक्षा समर्थन और मजबूत कानून परिवर्तन की आवश्यकता है।
इसके अतिरिक्त वैकल्पिक गतिविधियों और पुनर्वास कार्यक्रमों को बढ़ावा देना भी महत्वपूर्ण है और यह कार्य हम सब मिलकर और प्रदेश और देशवासियों को अपने साथ जोड़कर ही कर सकते हैं।बैठक शराबबंदी संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुर्तजा अली ने अपनी बात रखते हुए कहा कि शराब के सेवन से होने वाले खतरों और नुकसान के बारे में लोगों को शिक्षित करना और उन्हें जागरूक करना ही हमारा लक्ष्य है।स्कूलों और कॉलेज में शराब के दुष्प्रभावों के बारे में छात्रों को जानकारी दी जाना अति आवश्यक है।लोगों के अंदर जागरूकता लाने के लिए शराब बंदी संघर्ष समिति अपना प्रयास इसी तरह जारी रखेगी।इस मौके पर उत्तर प्रदेश जिला मान्यता प्राप्त पत्रकार एसोसिएशन के महामंत्री अब्दुल वहीद ने कहा कि शराब अपराधों की जननी है।शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए तथा हम सबको मिलकर शराब जैसी बुरी लत से लोगों को जागरूक करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए ताकि समाज और देश नशे से मुक्त हो सके।कुदरत उल्ला खान ने कहा कि सेमिनार आयोजित करके शराब बंदी के महत्व को समझाया जाना बहुत जरूरी है।
जिसके लिए शराबबंदी संघर्ष समिति द्वारा समय-समय पर स्कूल कॉलेज और प्रेक्षागृह में सेमिनार आयोजित करके शराब बंदी के महत्व को लोगों तक पहुंचाने और उन्हें जागरूक करने का कार्य करेगी।वही खालिद इस्लाम ने अपनी बात रखते हुए कहा कि शराब के सेवन को सामान्य व्यवहार के रूप में देखने के बजाय इसे हानिकारक आदत के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए।सामाजिक कार्यक्रमों में गैर मादक पर पदार्थों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए तथा शराब के बिना भी सामाजिक रूप से सक्रिय रहने के तरीकों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।इस अवसर पर फैजुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि शराब के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।शराब के विकल्प के रूप में स्वस्थ और मनोरंजक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
इन उपायों को लागू करके हम शराब के प्रति जागरूकता बढ़ा सकते हैं और लोगों को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं अलीमा अज़ीम ने अपने वक्तव्य में कहा कि शराब छोड़ने की चाहत रखने वाले लोगों के लिए सहायता समूह और परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराई जाएगी।शराब छोड़ने के लिए प्रेरित करने वाले लोगों के लिए एक समुदाय बनाया जाएगा। परिवार और दोस्तों को शराब की लत से जूझ रहे लोगों का समर्थन करना चाहिए और नशे की आदत छुड़वाने के लिए हमें उनका साथ देना अति आवश्यक है।
इसके अलावा जावेद सिद्दीकी,अब्दुल मोईद, शाहिद सिद्दीकी, रेहान,भोलू भाई, फहद, इमरान सिद्दीकी, राजू भाई, कैफ सिद्दीकी,वसी अहमद सिद्दीकी आदि ने भी ने 26 जून को लखनऊ के गोमती नगर क्षेत्र में स्थित उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के प्रेक्षाग्रह में सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक होने वाले कार्यक्रम राष्ट्रीय शराबबंदी महासम्मेलन को सफल बनाने के लिए शराब बंदी पर जोर दिया और लोगों को इसके प्रति जागरूक किस प्रकार किया जाए और समाज से इस शराब की लत को छुड़वाने का कैसे प्रयास किया जाए सभी ने इस पर जोर दिया।बैठक के अंत में शराबबंदी संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुर्तुजा अली ने आए हुए सभी पदाधिकारी और सदस्यों का आभार व्यक्त किया तथा शहर की और प्रदेश की जनता से अपील की 26 जून को राष्ट्रीय शराबबंदी महासम्मेलन में उपस्थित होकर शराब और नशे की बंदी के लिए एक साथ मिलकर काम करें और समाज प्रदेश और देश को नशे से मुक्ति दिलाएं और उन्हें शिक्षा और स्वास्थ्य की राह पर लेकर आएं।