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नई दिल्ली। समय देखने के लिए नहीं थी घड़ी, ट्रेन की आवाज से टाइम का पता चलता था। घऱ में टॉयलेट तक नहीं था। एक बेडिंग लेकर बिहार से मुंबई पहुंचें और संघर्ष की कहानी शुरू हो गई। 27 रुपए के
नई दिल्ली। समय देखने के लिए नहीं थी घड़ी, ट्रेन की आवाज से टाइम का पता चलता था। घऱ में टॉयलेट तक नहीं था। एक बेडिंग लेकर बिहार से मुंबई पहुंचें और संघर्ष की कहानी शुरू हो गई। 27 रुपए के