भारत ने यूएन में कहा- अफगानिस्तान में शांति, स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत

by Vimal Kishor

 

न्यूयॉर्क,समाचार10 India-रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की एक बैठक में कहा कि भारत और अफगानिस्तान के विशेष संबंध सभ्यतागत और ऐतिहासिक संबंधों पर आधारित हैं। भारत अफगानिस्तान में शांति, स्थिरता और विकास को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रहा है। दोहा और अन्य क्षेत्रीय मंचों में संयुक्त राष्ट्र की बैठकों में हमारी भागीदारी हमारे निरंतर प्रयासों को दर्शाती है।

न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी. हरीश ने अफगानिस्तान पर यूएनएससी की तिमाही बैठक में भारत का वक्तव्य देते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भारत अफगानिस्तान में मादक पदार्थों के खिलाफ और निजी क्षेत्र को सक्षम बनाने पर दो यूएनएएमए कार्य समूहों में सक्रिय भागीदार रहा है।

भारतीय राजदूत ने कहा विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री के बीच हाल ही में हुई फोन कॉल में, विदेश मंत्री ने अफगान पक्ष द्वारा पहलगाम आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा का स्वागत किया। उन्होंने भारत और अफगान लोगों के बीच पारंपरिक मित्रता की पुष्टि की और उनकी विकास आवश्यकताओं के लिए भारत के निरंतर समर्थन को दोहराया।

हरीश ने कहा अफगान लोगों के लिए हमारी मानवीय सहायता और क्षमता निर्माण प्राथमिकताओं को लागू करने के लिए हम स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा और खेल के क्षेत्रों में अफगान लोगों का समर्थन करने के लिए विभिन्न संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के साथ काम कर रहे हैं। 2021 से भारत ने अफगानिस्तान को गेहूं, दवाइयां और टीके, कीटनाशक और अन्य सामाजिक सहायता वस्तुओं की आपूर्ति की है। यूएनओडीसी के साथ साझेदारी में, हमने अफगान ड्रग्स पुनर्वास कार्यक्रमों के लिए सामाजिक सहायता वस्तुओं की आपूर्ति की है, साथ ही विशेष रूप से महिलाओं के लिए महिला स्वच्छता किट, शिशु आहार, कंबल, कपड़े और दवाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं। भारत अफगान छात्रों के लिए छात्रवृत्ति/फेलोशिप योजनाएं प्रदान करना भी जारी रखे हुए है।

इससे पहले भारतीय राजनयिक हरीश ने यूएनएससी सुधारों पर आयोजित अंतर-सरकारी वार्ता में पाठ-आधारित वार्ता की शीघ्र शुरुआत के लिए भारत के आह्वान को दोहराया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत सदस्य राष्ट्रों की आकांक्षाओं के अनुसार सुरक्षा परिषद सुधारों के दृष्टिकोण को साकार करने के उद्देश्य से सभी गंभीर प्रयासों पर आगे की ओर देखने के लिए तैयार है।

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