प्रोग्रेसिव फाउंडेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स के अध्यक्ष राकेश पाण्डेय द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

by Vimal Kishor

 

 

मुम्बई, विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुम्बई के कंट्री क्लब में प्रोग्रेसिव फाउंडेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स (पीएफएचआर) के द्वारा एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस प्रोग्राम में चीफ गेस्ट के रूप में नरेश रावल (गुजरात के पूर्व गृहमंत्री), भावना कर्दम दवे (अहमदाबाद की पहली महिला पूर्व मेयर, पूर्व सांसद सुरेंद्र नगर), रोहित पाण्डेय (सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सेक्रेट्री) और धड़क कामगार यूनियन के जेनरल सेक्रेटरी अभिजीत राणे सहित कई हस्तियां मौजूद थीं।
प्रोग्रेसिव फाउंडेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स” पिछले कई साल से राकेश पांडेय की अध्यक्षता में चल रहा है। इस विशेष सम्मेलन की शुरुआत उन्हीं की उद्घोषणा से हुई। राकेश पांडेय बड़ी गम्भीरता से इस संस्था का संचालन मानव अधिकार के लिए कर रहे हैं।
मुम्बई में हुए इस राष्ट्रीय सम्मेलन का मुख्य विषय था पर्यावरण संरक्षण में प्लास्टिक का दुष्प्रभाव। कई बॉलीवुड सेलेब्रिटीज़ ने भी इस भव्य और सफल कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में मौजूद महत्वपूर्ण गेस्ट्स में मुकेश पाण्डेय (ह्यूमन राइट्स वायेलेशन कंट्रोल के चेयरमैन) भी मौजूद थे।

राकेश पाण्डेय (प्रेसीडेंट प्रोग्रेसिव फॉउंडेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स) जो फ़िल्म एक्टर भी हैं, ने मंच का बखूबी संचालन किया और अपनी एंकरिंग व एनर्जी से प्रोग्राम को लाजवाब बना दिया। सभी मेहमानों को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया। सभी अतिथियों ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम की शुरुआत की।
स्टेज पर उपस्थित हस्तियों में नरेश रावल (गुजरात के पूर्व गृहमंत्री), भावना दवे (अहमदाबाद की पहली महिला पूर्व मेयर, पूर्व सांसद सुरेंद्र नगर), रोहित पाण्डेय (सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सेक्रेट्री), धड़क कामगार यूनियन के जेनरल सेक्रेटरी अभिजीत राणे, अली खान, दिलीप सेन, सुनील पाल, मनीष पटेल, चंद्रकांत मोदी, खुशबू पटेल, विनोद जी, मरजीना दीवान का नाम उल्लेखनीय है।
इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्तियों को अवार्ड से सम्मानित भी किया गया।

इस सम्मेलन में राकेश पाण्डेय और तमाम अतिथियों ने पर्यावरण संरक्षण, बढ़ते प्रदूषण, प्लास्टिक के बढ़ते इस्तेमाल और इसके नुकसान पर अपने विचार व्यक्त किये, एवं इंसानों के लिए वृक्ष लगाना, पेड़ बचाना, प्लास्टिक का प्रयोग बंद करना कितना जरूरी है, इस मामले पर अपनी राय जाहिर की।

अहमदाबाद की पहली महिला पूर्व मेयर और पूर्व सांसद भावना दवे ने कहा कि राकेश और मुकेश पाण्डेय (पाण्डेय ब्रदर्स) की सोच की मैं प्रशंसा करती हूं। 1972 में 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत हुई थी। आज कोरोना काल के बाद पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर ज्यादा जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है।
नरेश रावल (गुजरात के पूर्व गृहमंत्री) और रोहित पाण्डेय (सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सेक्रेट्री) ने भी पर्यावरण संरक्षण की महत्ता पर जोर दिया।

इस फाउंडेशन के अध्यक्ष राकेश पाण्डेय ने बताया कि प्रोग्रेसिव फाउंडेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स हर खास दिनों पर जैसे महिला दिवस, अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस, स्वास्थ्य दिवस, अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस इत्यादि पर जनता को जागरुक करने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन करती रहती है, जिससे सोसाइटी में, आम अवाम में जागृति का माहौल पैदा हो सके। इस कार्यक्रम के द्वारा हमने पर्यावरण संरक्षण और प्लास्टिक के दुष्प्रभाव के विषय में लोगो को जागृत करने की एक कोशिश की है।
संगीतकार दिलीप सेन ने पर्यावरण दिवस के अवसर पर इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन के लिए प्रोग्रेसिव फाउंडेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स को बहुत शुभकामनाएं पेश की।
अभिजीत राणे ने बताया कि मैं इस परिवार के सदस्य के रूप में आया हूँ। प्लास्टिक का कम से कम प्रयोग होना चाहिए। मैं सभी अवार्डी को शुभकामनाएं देता हूँ।

पिछले 15 वर्षों से इस फाउंडेशन के मुम्बई के अध्यक्ष अली खान ने कहा कि यह संस्था पिछले 16 वर्षों से ऐसे कार्यक्रम का आयोजन करती आ रही है। पर्यावरण दिवस पर हमें पेड़ लगाने और प्लास्टिक के न के बराबर इस्तेमाल का संकल्प लेना होगा। मैं शीशे के ग्लास में आज भी पानी पीता हूँ। सड़क पर पेड़ लगाने का काम करना चाहिए। 2004 से ह्यूमन राइट्स का प्रोग्राम शुरू किया गया था आज यह समाज के बड़े वर्ग को सन्देश दे रहा है।
प्रमुख अतिथियों में गुजरात के पूर्व गृहमंत्री नरेश रावल, अहमदाबाद की पूर्व मेयर एवं पूर्व सांसद भावना कर्दम दवे, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सेक्रेट्री रोहित पाण्डेय, धड़क कामगार यूनियन के जेनरल सेक्रेटरी अभिजीत राणे, दिलीप सेन, अली खान, सुनील पाल सहित कई हस्तियां हुईं शामिल_
पीएफएचआर के कई पदाधिकारी भी यहां उपस्थित रहे जिनमे नसीम खान, पंकज जयरथ (महाराष्ट्र इंचार्ज), अश्विन ठक्कर, मुरली लालवानी, लालजी यादव, जिगना शेठ उल्लेखनीय हैं।

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