भारतीय डिजिटल पेमेंट्स को पारंपरिक भुगतान के समान सुरक्षित मानते हैं; 93 प्रतिशत ने पिछले साल कम से कम एक डिजिटल पेमेंट की विधि का इस्तेमाल किया

by Vimal Kishor

लखनऊ,समाचार10 India । मास्टरकार्ड की नई ग्लोबल रिचर्स में भारतीय ग्राहकों द्वारा भुगतान करने का रूझान सामने आया मास्टरकार्ड द्वारा हाल ही में कराए गए एक सर्वे के मुताबिक, भारत में ग्राहक एशिया-पैसिफ़िक क्षेत्र में डिजिटल भुगतान की विधि को अपनाने के लिए सबसे ज्यादा इच्छुक वर्ग में हैं, और 93 प्रतिशत भारतीय पिछले एक साल में डिजिटल भुगतान कर चुके हैं। इनमें से 50 प्रतिशत से ज्यादा डिजिटल विनिमय क्यूआर कोड या डिजिटल मनी ट्रांसफर ऐप्स के माध्यम से किए गए। कैश का स्थान तीसरे नंबर पर रहा, जिसका उपयोग 51 प्रतिशत लोगों ने किया, जबकि इन-पर्सन क्रेडिट, डेबिट, या प्रिपेड कार्ड, या कॉन्टैक्टलेस कार्ड जैसी अन्य पारंपरिक विधियों का इस्तेमाल कैश के मुकाबले कम किया गया। सर्वे में शामिल लोगों में से 37 प्रतिशत जनरेशन जैड (18 से 25 साल), 48 प्रतिशत मिलेनियल्स (26 से 43 साल), एवं शेष वृद्ध थे।

भुगतान की आदतों, दृष्टिकोण और पसंद को लेकर लेटेस्ट डेटा मास्टरकार्ड के दूसरे वार्षिक न्यू पेमेंट्स इंडैक्स (एनपीआई) में प्रकाशित किया गया। यह पाँच महाद्वीपों और एशिया पैसिफिक में सात जगहों – भारत, ऑस्ट्रेलिया, चीन, जापान, न्यूज़ीलैंड, थाईलैंड, और वियतनाम के 40 बाजारों में किया गया ग्लोबल कंज़्यूमर सर्वे है।

इस रिपोर्ट में देखने में आया कि भारतीय शॉपर्स सामान खरीदने के लिए विभिन्न तरह की डिजिटल विधियों का इस्तेमाल करते हैं। इनमें सबसे ज्यादा लोकप्रिय है ऑनलाईन मार्केटप्लेस से खरीद करना, जिसका इस्तेमाल 56 प्रतिशत लोग करते हैं। लगभग आधे (48 प्रतिशत) उत्तरदाता मोबाईल ऐप से खरीद कर चुके हैं, जबकि 55 प्रतिशत ने बताया कि वो किसी खास व्यवसाय के लिए एक्सक्लुसिव भुगतान की विधि, जैसे लॉयल्टी प्वाईंट या स्टोर क्रेडिट का इस्तेमाल कर चुके हैं।

मास्टरकार्ड में सीनियर वाईस प्रेसिडेंट एवं कस्टमर सॉल्यूशंस लीड, साउथ एशिया, अभिनव गुप्ता ने कहा, ‘‘मास्टरकार्ड की रिसर्च में सामने आया है कि भारत वियरेबल्स, मोबाईल वॉलेट, क्रेडिट और डेबिट कार्ड, और क्यूआर कोड जैसी भुगतान विधियों में ग्राहकों का आराम सुनिश्चित करने के मामले में एशिया पैसिफिक का अग्रणी बाजार है। लेकिन अभी भी उपभोक्ताओं का विश्वास अर्जित करने के लिए काफी कुछ किया जाना बाकी है। सरकार, रैगुलेटर्स, बैंक्स, और फिनटेक कंपनियों सहित पूरे परिवेश में अंशधारकों के बीच यह जागरुकता बढ़ रही है कि डिजिटल भुगतान में विश्वास को गहरा करने के लिए उद्योग को मिलकर काम करने और कार्ड-ऑन-फ़ाईल टोकनाईज़ेशन जैसे संयुक्त प्रयास करने की जरूरत है। सहयोग और सहमति की यह भावना डिजिटल इंडिया के भविष्य के लिए अच्छे संकेत दे रही है।’’

इंडिया रिपोर्ट में यह भी सामने आयाः
उपभोक्ता डिजिटल भुगतान की विधियों का इस्तेमाल कर रहे हैं, और भविष्य में भी करेंगे
पिछले साल, 93 प्रतिशत भारतीय उपभोक्ताओं ने कम से कम एक डिजिटल पेमेंट की विधि का इस्तेमाल किया, जबकि 96 प्रतिशत अगले साल डिजिटल भुगतान की विधि का इस्तेमाल करने वाले हैं। विकसित होते हुए डिजिटल भुगतान से मिलने वाला आराम भविष्य में इसके उपयोग को बढ़ावा देगा। उपभोक्ताओं का कहना है कि भुगतान की विधि चुनने में सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण तत्व है क्योंकि डिजिटल भुगतान उतने ही सुरक्षित माने जाते हैं, जितनी सुरक्षित पारंपरिक विधियां जैसे नकद में भुगतान है।

उपभोक्ता वित्त की दैनिक जरूरतों के लिए फिनटेक का रुख करते हैं
जब वित्तीय कार्यों के प्रबंधन की बात आती है, तो 90 प्रतिशत भारतीय उपभोक्ता कम से कम एक वित्तीय कार्य के लिए डिजिटल टूल्स का उपयोग करते हैं। 81 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने बताया कि वो ओपन बैंकिंग के बारे में सीमित ज्ञान रखते हैं, जबकि 83 प्रतिशत बैंकिंग के काम के लिए अपने अकाउंट को कनेक्ट कर चुके हैं। लगभग दो तिहाई (62 प्रतिशत) भुगतान करने की सुविधा को सबसे ज्यादा उपयोगी मानते हैं, वहीं 84 प्रतिशत बिलों का भुगतान करने के लिए अपने बैंक खाते को कनेक्ट करते हैं। उपभोक्ता भुगतान करने के लिए डिजिटल चैनलों पर निर्भर होते हैं, क्योंकि ये ज्यादा सुविधाजनक होते हैं और सर्वश्रेष्ठ वित्तीय प्रबंधन में मदद करते हैं।

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