भरतनाट्यम नृत्य विधा ने उत्सव में लगाए चार चांद
अयोध्या। श्रीराम की नगरी अयोध्या में राम की पैड़ी सरयू घाट के किनारे राष्ट्रीय भरतनाट्यम उत्सव का आयोजन हुआ। इसको अयोध्या जिला, संस्कृति मंत्रालय दिल्ली और आईसीएसएमई के साथ आत्मालय अकादमी बैंगलोर द्वारा किया गया। इसका शुभारंभ मुख्य अतिथि दिल्ली हाई कोर्ट के जज संजीव सचदेव व विशिष्ट अतिथि अयोध्या के जिलाधिकारी नीतीश कुमार और अपर आयुक्त प्रशासन सुनील कुमार शुक्ला व अपर जिलाधिकारी नगर सलिल पटेल ने वरिष्ट नृत्यांगना डॉ पद्मजा सुरेश के साथ दीपप्रज्वलन कर किया।
इस दौरान भरतनाट्यम नृत्य के कई नृत्य चरणों का प्रदर्शन किया गया। जिसमें सबसे पहले गणेश चालीसा भगवान गणेश को समर्पित भक्तिपूर्ण भजन की प्रस्तुति दी गई।हैदराबाद की चैतन्य प्रिया द्वारा नृत्यति नृत्यति की प्रस्तुति दी गई जिसमें शिव जी की स्तुति की गई। त्रयी तीन भरतनाट्यम प्रदर्शन करने वाले कलाकारों का एक समूह है।
जिसमें मुंबई से सुजाता रामनाथन और बैंगलोर से रागिनी अय्यर और रक्षिता रघुनाथन ने कुछ चयनित छंदों का प्रदर्शन किया। नागेंद्र हाराय…उर्वशी जेटली द्वारा प्रस्तुत किया गया। हरीतुम हरो…राग दरबारी आदि ताल में डॉ पदमजा सुरेश द्वारा प्रस्तुति दी गई। डॉ पदमजा सुरेश द्वारा प्रस्तुत तुलसीदास कृत रामचंद्र कृपालु भजमन….लोगो द्वारा बहुत पसंद किया गया। इसी क्रम मे लखनऊ से डॉ संगीता चौबे, सौम्या वर्मा और शिवम अवस्थी द्वारा भगवान शिव की स्तुति भो शम्भो…जो कि राम रेवती और आदि ताल में है कि प्रस्तुति दी गई।
उसके बाद कृति पराशक्ति जननी….की प्रस्तुति ज्ञानेंद्र दत्त बाजपेई ने दी।
वसंत ऋतु डॉ पद्मजा सुरेश की एक विशेष कोरियोग्राफी है जो उनके शिष्यों- अनघा शास्त्री, ओजस आत्रेयम और साईश्री आनंद द्वारा प्रदर्शित की गई । शुद्ध नृत्त को ज्ञानेंद्र बाजपेई और उनके शिष्य शिवम अवस्थी ने प्रस्तुत किया। एई गिरी नंदिनी… उर्वशी जेटली द्वारा देवी महिषासुर मर्दिनी की स्तुति में एक भजन की प्रस्तुति की गई। अहीर भैरवी तिल्लाना का प्रदर्शन भी त्रयी द्वारा किया गया है।
और अगली प्रस्तुती राग देश मे रचित तिल्लाना की रही जिसकी प्रस्तुति लखनऊ के कलाकारों द्वारा दी गई।इसके बाद कलाकारों की उपस्थिति में कार्यक्रम का समापन मंगलम प्रस्तुति से हुआ। और इस दौरान आत्मालय की ओर से राम की सखी मंदिर, अयोध्या के गुरु महाराज को धन्यवाद भी ज्ञापित किया गया।