प्रतिबंध को किया दरकिनार: जरूरतमंद अफ्रीकी देशों को चावल निर्यात करेगा भारत

by Vimal Kishor

 

 

समाचार10 India,रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी। केंद्र सरकार ने खाद्य आपूर्ति संकट से जूझ रहे तीन अफ्रीकी देशों को 1.1 लाख टन चावल निर्यात करने का फैसला किया है। यह एक बड़ा कदम है, क्योंकि भारत सरकार ने चावल के निर्यात पर मौजूदा प्रतिबंधों को दरकिनार करते हुए जरूरतमंद अफ्रीकी देशों को चावल निर्यात करने का निर्णय लिया है।

भारत के विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, तंजानिया को 30,000 टन गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात की अनुमति दी गई है, जबकि जिबूती को 30,000 टन टूटे चावल और गिनी बिसाऊ को 50,000 टन टूटे चावल के निर्यात की अनुमति दी गई है। भारत के इस कदम से इन देशों को अपनी खाद्य जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।

जिबूती स्थित भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा जिबूती की मित्रवत सरकार और लोगों के प्रति एक विशेष संकेत के रूप में, भारत सरकार ने निर्यात पर मौजूदा प्रतिबंध से छूट देते हुए जिबूती को 30 हजार मीट्रिक टन टूटे हुए चावल के निर्यात की अनुमति दी है। यह रमज़ान के पवित्र महीने से पहले एक सुखद और स्वागत योग्य समाचार है।

अफ्रीकी देश खाद्य आपूर्ति की कमी और इसके कारण अनियंत्रित मुद्रास्फीति की समस्याओं से जूझ रहे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से आपूर्ति में आई कमी ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है। हालांकि मुसीबत की इस घड़ी में भारत एक बार फिर आर्थिक रूप से कमजोर अफ्रीकी देशों के सहयोग के लिए आगे आया है।
बता दें कि घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए भारत ने पिछले साल गैर-बासमती सफेद चावल और टुकड़ा चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। अफ्रीकी देशों को चावल भेजने का केंद्र सरकार का यह कदम ग्लोबल-साउथ के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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