गोरखपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात दिसंबर (मंगलवार) को गोरखपुर का दौरा करेंगे। इस दौरान वह 9600 करोड़ रुपये से अधिक मूल्यं की विकास परियोजनाएं राष्ट्रि को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री गोरखपुर उर्वरक संयंत्र राष्ट्रक को समर्पित करेंगे। इस संयंत्र की आधारशिला प्रधानमंत्री ने 22 जुलाई, 2016 में रखी थी।
30 वर्ष से अधिक अर्से तक बंद रहने के बाद इसे फिर से पूर्वरूप में लाया गया है और करीब 8600 करोड़ की लागत से इसका निर्माण किया गया है। यूरिया के उत्पा दन में आत्म निर्भरता हासिल करने के प्रधानमंत्री के विज़न से प्रेरणा लेकर इसे फिर से शुरू किया जा रहा है। गोरखपुर संयंत्र स्वरदेशी नीम कोटेड यूरिया का सालाना 12.7 एलएमटी उत्पासदन कर उसे उपलब्ध कराएगा। यह पूर्वांचल क्षेत्र और आसपास के इलाकों के किसानों की यूरिया उर्वरक की मांग की पूर्ति करने की दिशा में उनके लिए अत्यंंत लाभकारी साबित होगा। यह क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास को भी प्रोत्सायहन देगा।
उर्वरक संयंत्रों के पुनरुद्धार पर काम
इस परियोजना को हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के नेतृत्व में स्थापित किया गया है। जो नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन, कोल इंडिया लिमिटेड, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड, फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड की एक संयुक्त उपक्रम कंपनी है और यह गोरखपुर, सिंदरी व बरौनी उर्वरक संयंत्रों के पुनरुद्धार पर काम कर रही है।
गोरखपुर संयंत्र के लिए एम/एस टोयो इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन, जापान और टोयो इंजीनियरिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंसोर्टियम ने केबीआर, यूएसए (अमोनिया) और टोयो, जापान (यूरिया के लिए) के रूप में प्रौद्योगिकी/ लाइसेंसर्स के साथ काम पूरा किया गया है। इस परियोजना में 149.2 मीटर का दुनिया का सबसे ऊंचा प्रिलिंग टावर है। इसमें भारत का पहला वायु संचालित रबर डैम और सुरक्षा पहलुओं को बढ़ाने के लिए ब्लास्ट प्रूफ नियंत्रण कक्ष भी है।
एम्सत परिसर भी राष्ट्रल को होगा समर्पित
प्रधानमंत्री गोरखपुर स्थित एम्सओ के पूरी तरह से कार्य कर रहे परिसर को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जिसे 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है। परिसर की आधारशिला प्रधानमंत्री ने 22 जुलाई, 2016 को रखी गई थी। इसकी स्थापना प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत की गई है, जिसमें प्रधानमंत्री की दूरदृष्टि के मुताबिक, तृतीय स्तीर की स्वा स्य्रक देखभाल सेवाओं की उपलब्धता में क्षेत्रीय असंतुलन को ठीक करने के लिए संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं।
एम्स, गोरखपुर की सुविधाओं में 750 बेड का अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, आयुष भवन, सभी कर्मचारियों के रहने के लिए आवास, यूजी और पीजी छात्रों के लिए छात्रावास आदि शामिल हैं। प्रधानमंत्री आईसीएमआर-क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी), गोरखपुर के नए भवन का भी उद्घाटन करेंगे। क्षेत्र में जापानी इंसेफेलाइटिस/एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम की चुनौती से निपटने में केंद्र की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ नया भवन संचारी और गैर-संचारी रोगों के क्षेत्रों में अनुसंधान के नए क्षितिज के साथ-साथ क्षमता निर्माण में मदद करेगा और क्षेत्र के अन्य चिकित्सा संस्थानों को सहायता प्रदान करेगा।