लखनऊ,समाचार10 India। फिक्की एफएलओ लखनऊ ने अमेरिकी दूतावास नई दिल्ली के सहयोग से आज लखनऊ के होटल रेनेसां में “एआई डीमिस्टीफाइड: व्हाट वी नीड टू नो इन 2025” शीर्षक से एक आकर्षक सत्र का आयोजन किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वाशिंगटन डी.सी. स्थित सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार फाउंडेशन (आईटीआईएफ) के उपाध्यक्ष, स्टीफन एज़ेल ने उद्योगों, नवाचार और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रभाव पर एक सम्मोहक व्याख्यान दिया। स्टीफन ने अपने संबोधन में कहा कि जैसे-जैसे एआई अधिक नौकरियों को स्वचालित कर रहा है, नौकरी विस्थापन और आर्थिक असमानता का जोखिम बढ़ता जा रहा है, जिसके लिए पुनर्प्रशिक्षण और सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क जैसे सक्रिय उपायों की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि एआई पर अत्यधिक निर्भरता मानव कौशल और संज्ञानात्मक क्षमताओं को नष्ट कर सकती है, जिसके लिए आलोचनात्मक सोच और समस्या-समाधान के लिए मानवीय क्षमता को बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। उन्होंने सुरक्षा विषय पर बोलते हुए कहा कि व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा और एआई प्रणालियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सर्वोपरि है, जिसके लिए दुरुपयोग और उल्लंघनों को रोकने के लिए कड़े उपायों की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के अंत में उन्होंने बताया कि एआई 2030 तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद में प्रतिवर्ष 1.5 ट्रिलियन डॉलर तक का योगदान कर सकता है।और आने वाले दो वर्षों में भारत मे रोजगार के क्षेत्र में 2.3 मिलियन से अधिक नई एआई-संचालित नौकरियां सृजित हो सकती हैं। इस सत्र ने एआई के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान की कि कैसे एआई भविष्य को आकार दे रहा है और कैसे व्यक्ति और व्यवसाय इस उभरती हुई तकनीक को अपना सकते हैं। फिक्की फ्लो की राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष पूजा गर्ग की उपस्थिति में आयोजित इस कार्यक्रम में लखनऊ चैप्टर की चेयरपर्सन वंदिता अग्रवाल,सीनियर वाईस चेयर पर्सन सिमरन साहनी, देवांशी सेठ,ज्योत्सना हबीबुल्ला, विभा अग्रवाल, स्वाति वर्मा और वनिता यादव सहित बड़ी संख्या में फ्लो सदस्यों ने भाग लिया।