ट्राइटन वाल्व्स लिमिटेड ने अपनी 50वीं वर्षगांठ का भव्य जश्न मनाया

by Vimal Kishor

 

लखनऊ,समाचार10 India। भारत की सबसे बड़ी ऑटोमोटिव टायर वाल्व निर्माता और पूरे विश्व के उद्योगों की अग्रणी इंजीनियरिंग पार्टनर, ट्राइटन वाल्व्स लिमिटेड ने 10 सितंबर को बेंगलुरु के आईटीसी गार्डेनिया स्थित मैसूर हॉल में अपनी 50वीं वर्षगांठ का भव्य जश्न मनाया। यह समारोह लीडिंग एक्सीलेंस, इनोवेशन एंड रेसिलिएंस के पाँच दशकों का प्रतीक था। इसमें में ऑटोमोटिव क्षेत्र के गणमान्य लोगों, पार्टनर्स और उद्योग जगत के दिग्गजों ने हिस्सा लिया।

इस अवसर पर, मैसूर के महाराजा यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा ने कहा, “ट्राइटन वाल्व्स मैसूर में इनोवेशन की विरासत और भारत की आत्मनिर्भरता की भावना का एक गौरवशाली प्रमाण है। पचास वर्षों से, इसने न केवल भारत, बल्कि विश्व की सेवा करते हुए रेसिलिएंस, गुणवत्ता और विविधीकरण का उदाहरण पेश किया है। हम 2047 के विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं। ट्राइटन हम सभी को मेक इन इंडिया की शक्ति में विश्वास करने और समर्पण, दूरदर्शिता तथा उत्कृष्टता की प्रतिबद्धता से प्राप्त हुई उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए प्रेरित करता है।”

ट्राइटन की मार्गदर्शक अनुराधा गोकर्ण ने ग्राहकों, शेयरधारकों, लेखा परीक्षकों, साझेदारों और अतिथियों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कंपनी की 50 साल की यात्रा के बारे में बताया तथा अपनी प्रेरणाप्रद कहानी के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “ट्राइटन की 50 साल की यात्रा केवल एक कॉर्पोरेट उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह दृढ़ता और दूरदर्शिता के माध्यम से सपनों को हकीकत में बदलने की कहानी है। 1975 में इसके संस्थापक ने एक महत्वाकांक्षी सपना देखा। फिर चुनौतियों को पार करते हुए आज ‘मेड इन इंडिया’ के गौरवशाली प्रतीक के रूप में एक कंपनी खड़ी कर दी। यह हमारे कर्मचारियों, साझेदारों और शुभचिंतकों के सामूहिक प्रयास का परिणाम है। मैं उन सभी की आभारी हूँ जो इस यात्रा का हिस्सा रहे हैं। ट्राइटन केवल एक कंपनी नहीं है; यह विश्वास, दृढ़ता और राष्ट्र की प्रगति में सार्थक योगदान देने की प्रतिबद्धता पर आधारित एक परिवार है।”

आदित्य एम. गोकर्ण ने सभा को कंपनी के असाधारण सफर के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “हमारी स्वर्ण जयंती केवल 50 वर्ष पूरे होने का उत्सव नहीं है – यह मेरे पिता एम.वी. गोकर्ण और मेरी माँ अनुराधा गोकर्ण के असाधारण लचीलेपन और नेतृत्व को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने संकट को अवसर में बदल दिया और भारत में ट्राइटन का नेतृत्व सुनिश्चित किया। उनकी विरासत हमें हर दिन प्रेरित करती है। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते हैं, ट्राइटन इनोवेशन को बढ़ावा देने, वैश्विक गतिशीलता को सशक्त बनाने और इंजीनियरिंग उत्कृष्टता में भारत के भविष्य को आकार देने के लिए प्रतिबद्ध है। हम केवल वाल्व नहीं बना रहे हैं; हम उस बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहे हैं जो भारत को गतिमान रखता है।”

इस कार्यक्रम में मैसूर के महाराजा, यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार, इंफोसिस के सह-संस्थापक एवं अध्यक्ष नंदन नीलेकणि, एथर एनर्जी के सह-संस्थापक स्वप्निल जैन, उद्योग जगत के दिग्गज, पार्टनर्स और कर्मचारियों सहित अनेक अतिथि मौजूद थे। कार्यक्रम का प्रारंभ ऑटोमोटिव में इनोवेशन के पाँच दशकों के संस्मरण के साथ किया गया।

इस कार्यक्रम का आकर्षण मैसूर के महाराजा, यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार द्वारा लेखिका रूपा पाई की स्मरणिका पुस्तक “कोर स्ट्रेंथ” का अनावरण था, जिसके बाद एक रोचक कहानी-कथन सत्र का आयोजन किया गया और पुस्तक के एक मनोरम हिस्से को पढ़कर सुनाया गया।

इस कार्यक्रम में भारत की उद्यमिता की भावना और विकास की खुशी में तीन पीढ़ियों के प्रतिष्ठित पैनल के साथ “अतीत का सम्मान, भविष्य को प्रेरित करना” शीर्षक पर एक गहन चर्चा का आयोजन किया गया। इस पैनल में नंदन नीलेकणी, इंफोसिस के सह-संस्थापक और अध्यक्ष; स्वप्निल जैन, एथर एनर्जी के सह-संस्थापक; और आदित्य एम. गोकर्ण शामिल थे।

सत्र का संचालन प्रसिद्ध फाइनेंशियल कंटेंट निर्माता, सोनिया शेनॉय ने किया। इस सत्र में उद्यमियों की यात्रा, उभरते क्षेत्रों में अवसर, उभरती चुनौतियां, सरकार और नीतिगत समर्थन, अनुसंधान एवं विकास का महत्व, कार्यस्थल संस्कृति और भारत की आर्थिक वृद्धि के साथ आगामी रुझानों पर गहन चर्चा की गई।

संध्या कार्यक्रम का समापन ट्राइटन के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में भारतीय डाक द्वारा एक विशेष स्मारक कवर विमोचन के साथ हुआ। जीपीओ बैंगलोर की डाक सेवा निदेशक तारा आईपीओएस ने अनुराधा एम. गोकर्ण को एक भावपूर्ण समारोह में यह कवर हस्तांतरित किया।

ट्राइटन वाल्व्स की 50वीं वर्षगांठ के समारोह में आदित्य गोकर्ण ने कंपनी की स्थापना के लिए अपने माता-पिता को धन्यवाद दिया, अपने पिता की विरासत को अपनी प्रेरणा शक्ति के रूप में जारी रखने पर जोर दिया, तथा कर्मचारियों, ग्राहकों, साझेदारों और अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया तथा अगले 50 वर्षों में कंपनी की वृद्धि में विश्वास व्यक्त किया।

ट्राइटन वाल्व्स का स्वर्ण जयंती समारोह भारतीय उद्यमशीलता और विनिर्माण उत्कृष्टता की विजय का प्रतीक है। 1975 में स्थापित यह कंपनी आज बाजार में 70% हिस्सेदारी हासिल कर चुकी है। आज भारत की सड़कों पर चलने वाले हर तीन टायरों में से दो टायर ट्राइटन वाल्व का है। ₹488.37 करोड़ के समेकित राजस्व और 21.3% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) के साथ अपने अगले सफ़र की शुरुआत करते हुए ट्राइटन भारत के मोबिलिटी सपनों को साकार करने और देश को एक वैश्विक आर्थिक नेता के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। ट्राइटन आज 12+ देशों में मौजूद है, जो ऑटोमोटिव से लेकर एयरोस्पेस, HVAC और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी तक, विविध उद्योगों को सेवाएँ प्रदान कर रहा है।

 

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