कॉरपोरेट जगत के लिए एनपीएस क्यों जरूरी ? फिक्की और पीएफआरडीए द्वारा आयोजित इंटरएक्टिव सेशन में विशेषज्ञों ने बताए फायदे

by Vimal Kishor

 

लखनऊ,समाचार10 India। फिक्की और पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के संयुक्त तत्वावधान में “नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) फॉर कॉरपोरेट्स” विषय पर एक इंटरएक्टिव सत्र का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कॉरपोरेट जगत को एनपीएस की संरचना, कर लाभों और दीर्घकालिक आर्थिक सुरक्षा में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका से अवगत कराना था। सत्र में विशेषज्ञों ने एनपीएस की उपयोगिता, निवेश विकल्पों और कराधान संबंधी पहलुओं पर विस्तृत जानकारी साझा की, जिससे कॉरपोरेट कर्मचारियों और प्रबंधन को योजना का अधिकतम लाभ उठाने में सहायता मिली।

नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) एक मजबूत, पारदर्शी और पेशेवर रूप से प्रबंधित पेंशन योजना है, जो कर लाभ, लचीले निवेश विकल्पों और प्रतिस्पर्धी रिटर्न्स के साथ व्यक्तिगत निवेशकों और कॉरपोरेट्स दोनों के लिए दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा और रिटायरमेंट प्लानिंग का एक पसंदीदा विकल्प बन गया है।

फरवरी 2025 तक, एनपीएस और अटल पेंशन योजना के तहत कुल परिसंपत्ति प्रबंधन ₹13.83 लाख करोड़ तक पहुंच गया है, और पूरे देश में 8.27 करोड़ से अधिक ग्राहक इस योजना से जुड़े हैं।उत्तर प्रदेश में 6.1 लाख से अधिक निजी क्षेत्र के ग्राहक एनपीएस से जुड़े हुए हैं, जो इस योजना की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है। इसके अलावा, राज्य के 719 कॉरपोरेट्स NPS के तहत पंजीकृत हैं, जो कि देशभर में 18,152 कॉरपोरेट्स का हिस्सा हैं जिन्होंने अपने कर्मचारियों के लिए इस योजना को अपनाया है।

कार्यक्रम की शुरुआत यूपी आदर्श व्यापार मंडल के अध्यक्ष श्री संजय गुप्ता के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने इस पहल की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके बाद एसोचैम यूपी-उत्तराखंड के अध्यक्ष इंजीनियर डी. पी. सिंह ने अपने संबोधन में कॉरपोरेट सेक्टर में एनपीएस की बढ़ती भूमिका को रेखांकित किया।

कार्यक्रम में पीएफआरडीए के अध्यक्ष डॉ. दीपक महांती ने मुख्य भाषण दिया, जिसमें उन्होंने एनपीएस की संरचना, निवेश विकल्पों और लाभों पर विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने कहा, “एनपीएस सिर्फ एक पेंशन योजना नहीं, बल्कि अनुशासित बचत और दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा का एक मजबूत स्तंभ है। यह पारदर्शी, सुव्यवस्थित और टैक्स-फ्रेंडली योजना हर नागरिक के लिए लाभदायक है।”

कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विशेषज्ञों ने एनपीएस के महत्व पर अपने विचार साझा किए। श्री संजय गुप्ता, अध्यक्ष, यूपी आदर्श व्यापार मंडल ने कहा, “आज के समय में एनपीएस केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि हर कर्मचारी के लिए एक आवश्यक योजना बन गई है। यह न केवल वित्तीय स्थिरता प्रदान करता है, बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि सेवानिवृत्ति के बाद भी उनकी आर्थिक सुरक्षा बनी रहे।”

इंजीनियर डी. पी. सिंह, अध्यक्ष, एसोचैम यूपी-उत्तराखंड ने कहा, “कॉरपोरेट सेक्टर को एनपीएस को अपनी संरचना में अनिवार्य रूप से शामिल करना चाहिए। यह कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने के साथ-साथ संगठनों को भी कर लाभ और वित्तीय स्थायित्व प्रदान करता है।”

कार्यक्रम के समापन सत्र में फिक्की उत्तर प्रदेश के स्टेट हेड अमित गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए एनपीएस की जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा, “एनपीएस को अपनाने के लिए सबसे जरूरी है सही जानकारी और जागरूकता। ऐसे इंटरएक्टिव सेशंस न केवल लोगों को इसकी बारीकियों से अवगत कराते हैं, बल्कि उन्हें अपने भविष्य की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सही दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित भी करते हैं। इस बेहद उपयोगी सत्र के दौरान महत्वपूर्ण जानकारियां साझा करने के लिए सभी विशेषज्ञों का हार्दिक धन्यवाद।”

इसके अलावा, ऋतोब्रत सरकार ने सेवानिवृत्ति योजना के महत्व को समझाते हुए वित्तीय योजना की भूमिका पर चर्चा की, जबकि पीएफआरडीए के मुख्य महाप्रबंधक सुमित कुमार ने एनपीएस को एक प्रभावी सेवानिवृत्ति लाभ योजना के रूप में प्रस्तुत किया। इस दौरान चार्टर्ड अकाउंटेंट श्री उमाशंकर तिवारी ने एनपीएस के तहत कराधान से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं को स्पष्ट किया।

कार्यक्रम के अंत में प्रश्न-उत्तर सत्र आयोजित किया गया, जहां प्रतिभागियों ने विशेषज्ञों से एनपीएस से संबंधित अपनी शंकाओं का समाधान प्राप्त किया। इस सत्र ने उपस्थित लोगों को एनपीएस के विभिन्न पहलुओं को बेहतर ढंग से समझने में सहायता की।

यह इंटरएक्टिव सेशन कॉरपोरेट जगत के लिए एनपीएस की उपयोगिता और इससे मिलने वाले दीर्घकालिक लाभों को उजागर करने में सफल रहा। विशेषज्ञों ने एनपीएस के तहत निवेश, कर लाभ और वित्तीय सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं, जिससे कॉरपोरेट क्षेत्र में इसकी स्वीकार्यता और जागरूकता को बढ़ावा मिला।

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