लखनऊ,समाचार10 India। शुक्रवार को लखनऊ प्रेस क्लब में इस्कॉन अयोध्या द्वार आयोजित दिव्योत्सव (आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक उत्सव) 25 की घोषणा करते हुए इस्कॉन अयोध्या मंदिर के अध्यक्ष षडभुज गौर दास ने बताया कि यह उत्सव न केवल होली के सांस्कृतिक पहलुओं का उत्सव है, बल्कि यह आत्मनिरीक्षण और व्यक्तिगत विकास को प्रोत्साहित करने के लिए भी एक मंच प्रदान करता है। दिव्योत्सव 25 एक यात्रा है जो विभिन्न समुदायों को एकजुट करता है, सकारात्मक परिवर्तन को प्रेरित करता है, और सभी के लिए शांति और कल्याण को बढ़ावा देता है। उन्होने बताया कि दिव्योत्सव 9 मार्च को अपरान्ह 3 बजे से संगीत नाट्य अकादमी गोमती नगर लखनऊ में अयोजित किया जाएगा।
प्रेस वार्ता में इस्कॉन अयोध्या मंदिर के अध्यक्ष षडभुज गौर दास ने बताया कि यह उत्सव न केवल होली के सांस्कृतिक पहलुओं का उत्सव है, बल्कि यह आत्मनिरीक्षण और व्यक्तिगत विकास को प्रोत्साहित करने के लिए भी एक मंच प्रदान करता है। दिव्योत्सव 25 एक यात्रा है जो विभिन्न समुदायों को एकजुट करता है, सकारात्मक परिवर्तन को प्रेरित करता है, और सभी के लिए शांति और कल्याण को बढ़ावा देता है। दिव्योत्सव में कई कार्यक्रम होगे। जिसमें भारत के प्रमुख व्यक्तित्वों और आध्यात्मिक विभुतियों से सुनने का अवसर मिलेगा, जिसमें शामिल है पात्री दास जी पूर्व रूसी कमांडर इस्कॉन नेपाल सचिव आदि जिन्होंने देश के भविष्य को अपनी दृष्टि और नेतृत्व से आकार दिया।
साथ ही नृत्य प्रस्तुति होगी जो पारंपरिक नृत्यों के माध्यम से भारत की समृद्ध धरोहर को प्रदर्शित करेगा। सांस्कृतिक विविधता के बीच एकता की अद्वितीय, आत्मिक और चमत्कारी संगीतमय धारा को हृदय से जागृत करेगी और प्रत्येक हृदय में प्रेम, समरसता और अद्भुत संबंधों की मधुर लहरें प्रवाहित करेगी। साथ ही, विभिन्न देशों से आए कलाकारों द्वारा संगीतमय प्रस्तुति का आयोजन किया जाएगा, जो इस अनुभव को और भी आकर्षक और यादगार बनाएगा। कार्यक्रम का विवरण प्रदान करते हुए कार्यक्रम संयोजक परमेश्वर हरि दास जी ने बताया कि इस उत्सव में हम जीवन के दिव्य रंगों का अनुभव करेंगे, साथ ही साथ कार्यकम में सहयोग प्रदान करने हेतु उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग का हम विशेष आभारी हैं। प्रेस वार्ता में प्रभारी शतरुद्र प्रताप, व सह-प्रभारी शशांक सिंह, व मीडिया प्रभारी प्रमोद गोपीनाथ दास आदि के साथ इस्कॉन के संत जनों व समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों की उपस्थिति रही।