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डेढ़ लाख से अधिक शाखाओं में दो खरब डॉलर मूल्य के डिपॉज़िट और अरबों उपभोक्ताओं को अपनी सेवाएं दे रहे भारतीय बैंकों की स्थिति कागज़ों पर मज़बूत दिखती है. लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है. सालों तक कई बैंकों