ओआईसी को भारत के आंतरिक मामलों पर बोलने का कोई अधिकार नहीं: विदेश मंत्रालय

by Vimal Kishor

 

नई दिल्ली,समाचार10 India-रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी। भारत ने इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की तरफ से की गई भारत-विरोधी टिप्पणियों को सिरे से खारिज करते हुए उसे ‘अनुचित और तथ्यहीन’ करार दिया है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि ओआईसी को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है, जिसमें जम्मू-कश्मीर भी शामिल है, जो भारत का एक अभिन्न और संप्रभु हिस्सा है।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा ये टिप्पणियां पाकिस्तान द्वारा प्रेरित हैं, जिसने आतंकवाद को अपनी राजनयिक नीति का हिस्सा बना लिया है। यह ओआईसी मंच का संकीर्ण राजनीतिक हितों के लिए निरंतर दुरुपयोग है। मंत्रालय ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान से फैला आतंकवाद एक सच्चाई है, जिसे दुनिया मान चुकी है, लेकिन ओआईसी इसे जानबूझकर नजरअंदाज कर रहा है।

बता दें कि ओआईसी की विदेश मंत्रियों की परिषद (सीएफएम) का 51वां सत्र 21-22 जून को तुर्की के इस्तांबुल में आयोजित हुआ था, जहां पाकिस्तान की हिमाकत करते हुए भारत के आंतरिक मामलों पर ‘अनुचित’ टिप्पणी की गई थी। इसके जवाब में भारत ने कहा कि ओआईसी बार-बार पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद के वास्तविक और दस्तावेजीकृत खतरों की अनदेखी करता है। हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले में यह स्पष्ट रूप से देखा गया, जो इस मंच की सच्चाई और वैश्विक आतंकवाद विरोधी सहमति के प्रति जानबूझकर की जा रही उपेक्षा को दर्शाता है।

विदेश मंत्रालय ने दो टूक कहा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और संप्रभु हिस्सा है। यह भारत के संविधान में दर्ज है। ओआईसी को पाकिस्तान के प्रचार के प्रभाव में आकर अपने एजेंडे को राजनीतिक रंग देने से बचना चाहिए, वरना इसकी विश्वसनीयता और प्रासंगिकता को गहरी क्षति पहुंचेगी। विदेश मंत्रालय ने ओआईसी बैठक में पाकिस्तान द्वारा लगाए गए “बेसिर-पैर के आरोपों” को भी खारिज किया और कहा कि यह पाकिस्तान द्वारा दुनिया का ध्यान अपने यहां प्रायोजित आतंकवाद, अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और सांप्रदायिक हिंसा से भटकाने की नाकाम कोशिश है।

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