पर्यटन और उद्योग मिलकर विकास की नई इबारत लिख सकते हैं : मुकेश मेश्राम प्रमुख सचिव पर्यटन-संस्कृति

प्रदेश को एक ट्रिलियन इकोनॉमी के लिए पर्यटन और उद्योग को आगे आना होगा: अमित गुप्ता

by Vimal Kishor

लखनऊ,समाचार10 India। राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के तत्वावधान में बीते दिन को होटल रेनेसा गोमती नगर में आयोजित उद्योग संवाद कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मुकेश मेश्राम प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन और उद्योग मिलकर विकास की एक नई इबारत लिख सकते हैं। मेश्राम ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में पौराणिक महत्व के बहुत से स्थल मौजूद हैं, इनके विकास से पर्यटन और उद्योग मिलकर प्रदेश ही नहीं पूरे देश के विकास की नई इबारत लिख सकते हैं। यहां जो नए एक्सप्रेस वे बन रहे हैं, ये भी पर्यटन के विकास में नई भूमिका निभाने वाले हैं। उन्होंने व्यापारियों के साथ नागरिकों से भी अपील की, कि वे यदि एक्सप्रेस वे किनारों पर ढाबों का विकास करें तो इससे पर्यटकों को खाने-पीने की अच्छी सुविधाएं मिलने के साथ स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

उद्योग संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित गुप्ता ने कहा कि अगर प्रदेश को एक ट्रिलियन इकोनॉमी की राह पर लाना है, तो पर्यटन और उद्योग को एक साथ मिलकर आगे आना होगा और महिलाओं को भी पर्यटन रोजगार से जोड़ना होगा। उन्होंने आगे कहा कि सरकार को व्यापारियों को लोन लेने में आने वाली समस्याओं का निराकरण करना होगा, तब व्यापारी ढ़ाबे, होटल और रेस्टोरेंट आसानी से खोल सकेगा। इसमें आने वाली समस्याओं के कारण व्यापारी कुछ दिन प्रयास करने के बाद मन मारकर घर बैठ जाता है। सरकार को इस स्थिति का निराकरण करना होगा।

अमित गुप्ता ने अपने उद्बोधन में कहा देश में 38.40 लाख करोड़ का टोटल टैक्स आया जिसमें से इनकम टैक्स 11.87, जीएसटी 10.6, कॉरपोरेट टैक्स 10.2, एक्साईज ड्यूटी 3.9, कस्टम ड्यूटी 2.3, सेस से 1.5 लाख करोड़ रुपए टैक्स के रूप में आए, इससे यह प्रदर्शित होता है कि आम जनमानस के ऊपर टैक्स का भार बढ़ रहा है और बड़ी-बड़ी कंपनियों पर कॉर्पोरेट टैक्स कम हो रहा है, जबकि देश में कर्ज अगर कहीं माफ होता है, तो कॉरपोरेट कंपनियों का कर्ज माफ होता है। 2016 में जीएसटी लगी थी उसे समय कहा गया था कि वर्ष 2022 में सेस खत्म कर दिया जाएगा। सरकार द्वारा एमएसएमई के लिए बैंकों से कर्ज देने की बात कही गई, लेकिन पूर्व में जो एनपीए बंद हो गए, जो बंद पड़े उद्योग हैं, उनको पुनः संचालित करने के लिए कोई योजना नहीं बनाई गई। आज देश में ई व्यापार, रिटेल ट्रेड को दिनों दिन समाप्त करता जा रहा है, जिसका प्रभाव किसी भी मार्केट में देखा जा सकता है।

इस अवसर पर सूक्ष्म उद्यमों को सशक्त बनाने के लिए यूग्रो कैपिटल ने राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के साथ साझेदारी करते हुए उत्तर प्रदेश के छोटे व्यवसायों के लिए यूग्रो कैपिटल के संस्थापक और प्रबंध निदेशक शचिंद्र नाथ और आर.जे.यू.वी.एस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित गुप्ता ने हस्ताक्षरित एम.ओ.यू पर हस्ताक्षर किए। इस एम.ओ.यू पर प्रकाश डालते हुए यूग्रो कैपिटल के संस्थापक और प्रबंध निदेशक शचिंद्र नाथ ने कहा कि यह छोटे व्यवसायों के लिए सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने, डिजिटल क्रेडिट के लाभों को बढ़ावा देने और प्रतिस्पर्धी व्यावसायिक वातावरण में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए रणनीतियां प्रदान करने पर केंद्रित होगा।

कार्यक्रम में मुदित अग्रवाल ने छोटे और मध्यम व्यापारियों को जीएसटी से हो रही परेशानी का मुद्दा प्रमुख रूप से उठाया, उन्होंने कहा कि जीएसटी रिटर्न्स को रिवाइज़ करना व्यापारियों की सबसे बड़ी मांग है। प्रदीप गुप्ता ने मांग रखी कि सभी व्यापारियों को 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन और मेडिकल इन्श्योरेंस की सुविधा दी जाये। सरकार जब भी व्यापार से संबंधित कोई नया प्रावधान लाए या किसी पुराने क़ानून में संशोधन करे तो उससे पहले व्यापारी प्रतिनिधि संस्थाओं से व्यापक विचार विमर्श करके उनका पक्ष जाने और फिर उचित निर्णय ले।

इसके अलावा गिरीश चंद्र मिश्र उपाध्यक्ष ललित कला अकादमी, मुरलीधर आहूजा, गोविन्द बाबू टाटा, विनय अग्रवाल, जगत नारायण, मनीष पटियानी, अनीता अग्रवाल, रवीन्द्र जायसवाल, नटवर गोयल और सुषमा खर्कवाल महापौर ने भी उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन इकोनामी बनाने में उद्योग व व्यापार जगत की भूमिका पर अपना वक्तव्य दिया।

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