मरीज को आईसीयू या अस्पताल में ज्यादा समय तक भर्ती नहीं रहना पड़ता

by Vimal Kishor

 

लखनऊ, समाचार10 India। मेदांता लखनऊ मरीजों के इलाज के लिए लेटेस्ट और अल्ट्रा-मॉडर्न मेडिकल टेक्नोलॉजी का प्रयोग करने के लिए जाना जाता है। इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए मेदांता लखनऊ में हाल ही में आधुनिक तकनीक से एक और ब्रेन एन्यूरिज्म की सफल पिनहोल सर्जरी की गई। मेदांता लखनऊ में हर महीने इस प्रकार की 3-4 सर्जरी की जा रही हैं। सर्जरी की इस तकनीक का लाभ यह है कि इसमें सर्जरी के दौरान सिर यानी खोपड़ी के एक बड़े हिस्से को खोलना नहीं पड़ता। इन सफल सर्जरीज को इंटरवेंशन रेडियोलॉजी एक्सपर्ट्स डॉ. रोहित अग्रवाल और डॉ गौरव चौहान द्वारा किया जा रहा है।

 

डॉक्टरों के मुताबिक(ब्रेन एन्यूरिज्म मस्तिष्क की रक्त वाहिका की दीवार में एक रक्त से भरा गुब्बारे जैसा उभार होता है, जिसके फटने से मस्तिष्क के अंदर या आसपास रक्तस्राव होने का जोखिम होता है) ब्रेन एन्यूरिज्म मस्तिष्क की रक्त वाहिका में खून भर जाने से कमज़ोर हो जाने की स्थिति हो जाती है। ऐसे में रक्त वाहिका एक रक्त से भरे गुब्बारे जैसा आकार ले लेता है और इसके फटने का खतरा बना रहता है। यदि यह फट जाए तो मस्तिष्क के अंदर या उसके आसपास रक्तस्राव होने का जोखिम बना रहता है।

 

ब्रेन एन्यूरिज्म के फटने पर मरीज के लिए आपातकालीन उत्पन्न स्थिति हो जाती है, जो मरीज के लिए घातक साबित हो सकती है। इसलिए इसके तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है। ब्रेन एन्यूरिज्म के फटने से आंतरिक रक्तस्राव शुरू हो जाता है। इससे मरीज को तेज सिरदर्द, उलटी और उसकी चेतना लुप्त हो जाने जैसे लक्ष्ण पैदा हो जाते हैं। यदि ऐसे मरीजों का समय से इलाज न होने से मृत्युदर 10-15 फीसदी तक चली जाती है। साथ ही ब्रेन एन्यूरिज्म के बार-बार फटने का खतरा बना रहता है। ऐसे में कई मरीजों के हाथ-पैर में कमजोरी भी आ जाती है या लकवे की स्थिति भी बन सकती है।

 

इंटरवेंशन रेडियोलोजी के माध्यम से ब्रेन एन्यूरिज्म का इलाज बिना चीरा-टांका लगाए एंडोवेसकुलर इंटरवेंश (पिन होल) सर्जरी द्वारा किया जाता है। इससे मरीज को आईसीयू या अस्पताल में ज्यादा समय तक भर्ती नहीं रहना पड़ता और मरीज जल्द स्वस्थ होकर अपने घर वापस चला जाता है।

 

ब्रेन एन्यूरिज्म की सर्जरी करने की 2-3 विधियां हैं। जिनमे (सिंपल कॉइलिंग), बैलून असिस्टेड कॉइलिंग, स्टेंट असिस्टेड कॉइलिंग और फ्लो डाइवर्टर शामिल हैं। पिछले कुछ दिनों में मेदांता लखनऊ में पिनहोल विधि द्वारा कई मरीजों का इलाज किया जा चुका है और वे सभी स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। इनमें से एक मरीज की एक सिटींग में मष्तिष्क के तीन ब्रेन एन्यूरिज्म का इलाज किया गया।

 

ऐसे ही एक और अन्य केस में एक मरीज के ब्रेन एन्यूरिज्म का इलाज दो फ्लो डाइवर्टर लगाकर किया गया। मेदांता लखनऊ में काफी किफायती दरों पर इस विधि से सर्जरी की जा रही है। निर्धन वर्ग के मरीजों के इलाज के लिए मेदांता लखनऊ को सरकार द्वारा भी पूरा सहयोग दिया जा रहा है।

 

मेदांता लखनऊ में ब्रेन एन्यूरिज्म के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों का पैनल है। डॉक्टर्स की इस टीम में न्यूरोमेडिसिन टीम से डॉ अनूप ठक्कर, डॉ ऋत्विज बिहारी, डॉ सुधाकर, डॉ प्रदीप, न्यूरोसर्जरी टीम से डॉ रवि शंकर, डॉ प्रमोद, डॉ सतीश, न्यूरोएनेस्थीसिया टीम से डॉ अमितेश, डॉ शैलेश, डॉ हैदर और इंटरवेंशन रेडियोलोजी टीम से डॉ. संदीप कालरा, डॉ रोहित अग्रवाल और डॉ गौरव चौहान शामिल हैं। इन एक्सपर्ट डॉक्टर्स का पैनल मरीज के सीटी स्कैन, डीएसए एंजियोग्राफी की इमेजिंग जांचने के बाद मरीज के लिए सर्वोत्तम इलाज की विधि का चुनाव करता है।

 

ब्रेन एन्यूरिज्म की समस्या लगभग 2 से 3 प्रतिशत लोगों में पाई जाती है। इस बीमारी का इलाज दो तरह से किया जा सकता है एक ओपन सर्जरी व दूसरा एंडोवैस्कूलर सर्जरी (पिन होल सर्जरी) के माध्य़म से इलाज करवाने पर मरीज का आईसीयू व हॉस्पिटल स्टे कम हो जाता है । एक्सपर्ट पैनल डिस्कशन के बाद मरीज के लिए बेस्ट सर्जरी का चुनाव होता है। इस तकनीक के माध्यम से इलाज करवाने पर ओपन सर्जरी से कम समय लगता है।

You may also like

Leave a Comment