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पुणे, 9 अक्टूबर। तलाक के मामलों को अदालत में निपटने में अमूमन काफी समय लग जाता है। इसमें संपत्तियों का बंटवारा, गुजारा भत्ता, भरण-पोषण (मैनटेनेंस) समेत अन्य मसले होते हैं जिस पर अदालत में केस खिंचता चला जाता है। लेकिन महाराष्ट्र