पैरा खेलों में भारत की प्रगति से प्रभावित पार्सन्स और फिट्ज़गेराल्ड ने नई दिल्ली में जारी इंडियनऑइल नई दिल्ली 2025 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप्स की सराहना की

by Vimal Kishor

नई दिल्ली,समाचार10 India। हाल के वर्षों में भारत की पैरा खेल आंदोलन ने तेज़ और उल्लेखनीय प्रगति की है। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में हो रही इंडियनऑइल नई दिल्ली 2025 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप्स इस प्रगति और भारत की आकांक्षाओं का जीवंत उदाहरण हैं। बुधवार को इसी प्रतिष्ठित स्थल पर वैश्विक पैरा खेल जगत की दो प्रमुख हस्तियों- अंतर्राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आईपीसी) के अध्यक्ष एंड्रयू पार्सन्स और वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स के प्रमुख पॉल फिट्ज़गेराल्ड ने मीडिया को संबोधित किया और भारत की उपलब्धियों की सराहना की।

फिट्ज़गेराल्ड ने इस आयोजन को ऐतिहासिक अवसर बताया। उन्होंने कहा, “हर विश्व चैम्पियनशिप एक अवसर होता है दुनिया को यह दिखाने का कि 1.2 अरब दिव्यांग लोगों के लिए क्या संभव है। यह न सिर्फ उत्कृष्टता और उच्च प्रदर्शन दिखाने का मौका है, बल्कि एक समुदाय के रूप में जुड़ने का भी माध्यम है।” उन्होंने भारत की पदक यात्रा को याद करते हुए कहा , “वर्ष 2015 में दोहा विश्व चैम्पियनशिप में भारत ने सिर्फ 2 पदक जीते थे। पिछले साल कोबे में भारत ने 17 पदक हासिल किए। यहाँ नई दिल्ली में पदक तालिका पहले से ही तेजी से बढ़ रही है। सरकार का समर्थन और खेल सुविधाओं का नवीनीकरण नई पीढ़ी को प्रेरित कर रहा है।”

वर्ष 2022 से डब्ल्यूपीए की अगुवाई कर रहे फिट्ज़गेराल्ड ने यह भी स्पष्ट किया कि यह प्रयास केवल एक बार का आयोजन नहीं है। वे कहते हैं, “यह निश्चित रूप से एक बार की घटना नहीं है। यहाँ नवीनीकरण से पहले भी हमने ग्रां प्री आयोजित किया था। अगले तीन वर्षों के लिए हर साल ग्रां प्री कराने का अनुबंध है। भारत के पैरा समुदाय तक जो पहुँच हो रही है, वह अत्यंत महत्वपूर्ण है।” हाल ही में तीसरी बार आईपीसी अध्यक्ष बने पार्सन्स ने भी सहमति जताते हुए कहा, “यहाँ विकास साफ दिखता है। सरकार का सहयोग स्पष्ट है और हम भारत में पैरा खेलों की पारिस्थितिकी को और बेहतर समझने की कोशिश कर रहे हैं। यह एक सतत प्रक्रिया है लेकिन गति सकारात्मक है।”

अपने देश ब्राज़ील के अनुभव का हवाला देते हुए पार्सन्स ने आगे कहा , “जब किसी देश का नेतृत्व दिलचस्पी लेता है, तो बड़ा बदलाव होता है। हमने यह अनुभव रियो 2016 में किया था। आज भारत भी वही वादा और संभावना दिखा रहा है।” फिट्ज़गेराल्ड ने अंत में आयोजन के गहरे महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा, “मेरे लिए यह केवल पदक जीतने की बात नहीं है, बल्कि व्यक्तिगत श्रेष्ठ प्रदर्शन, दूसरों को प्रेरित करने और लंबे समय तक टिकने वाली विरासत बनाने की बात है। ये चैंपियनशिप्स भारत में पैरा खेलों की असली शुरुआत का प्रतीक हैं।”

भारत के प्रतिस्पर्धी और मेज़बान दोनों रूपों में उभरने के साथ, इंडियनऑइल नई दिल्ली 2025 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप्स को देश के पैरा खेल आंदोलन के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ माना जा रहा है।

You may also like

Leave a Comment