मिशन शक्ति 5.0: ‘ड्राइविंग माय ड्रीम्स’ के तहत महिलाओं को सिखाई जा रही ड्राइविंग की बारीकियां, आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा कदम

• आत्मनिर्भरता और सुरक्षा पर केंद्रित प्रशिक्षण अभियान

by Vimal Kishor

 

अयोध्या,यूपी-समाचार10 India। अयोध्या में नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश अनुसार 100 महिलाओं को मिशन शक्ति 5.0: ‘ड्राइविंग माय ड्रीम्स’ के तहत अयोध्या में “नारी शक्ति मिशन अभियान” के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल तेज़ हो गई है। सोमवार को ड्राइविंग ट्रेनिंग एण्ड टेस्टिंग इंस्टीट्‌यूट-उदया चौराहा-अयोध्या में आयोजित इस विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम में सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) ऋतु सिंह ने महिलाओं को फोर-व्हीलर ड्राइविंग की बुनियादी जानकारी दी और बताया कि आज की महिला हर क्षेत्र में पुरुषों के बराबर कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) ऋतु सिंह ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ाना और उन्हें सड़क सुरक्षा तथा वाहन संचालन के मूल सिद्धांतों से परिचित कराना है। उन्होंने महिलाओं को यह सिखाया कि गाड़ी को स्टार्ट कैसे किया जाता है, चाबी सही ढंग से लगाने का तरीका क्या होता है, साइड मिरर का उपयोग किस प्रकार किया जाता है और ब्रेक, एक्सीलेरेटर व क्लच के सही संतुलन को कैसे बनाए रखा जाए।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि महिलाओं को अब किसी पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं है। वे खुद अपनी ड्राइवर बन सकती हैं, अपने सपनों को खुद दिशा दे सकती हैं। प्रशिक्षण में भाग लेने वाली महिलाओं ने भी उत्साहपूर्वक सहभागिता दिखाई और कहा कि इस तरह के अभियान से उन्हें न सिर्फ ड्राइविंग की जानकारी मिली है, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ा है। कार्यक्रम के दौरान “जागरूकता जागरण अभियान” भी चलाया गया, जिसमें सड़क सुरक्षा, ट्रैफिक नियमों और आत्मरक्षा के उपायों पर भी प्रकाश डाला गया। सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) ऋतु सिंह ने यह भी बताया कि आगे आने वाले चरणों में अधिक से अधिक महिलाओं को इस अभियान से जोड़ा जाएगा, ताकि हर महिला आत्मनिर्भर बन सके और “नारी से नारायणी” की भावना साकार हो सके।

ड्राइविंग सिम्युलेटर पर महिलाओं की उत्सुकता
अभियान के दौरान महिलाओं ने ड्राइविंग ट्रेनिंग एण्ड टेस्टिंग इंस्टीट्‌यूट कार्यालय में लगाए गए ड्राइविंग सिम्युलेटर पर वाहन संचालन की तकनीक को नज़दीक से सीखा। सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) ऋतु सिंह व प्रशिक्षक ने बताया कि सिम्युलेटर की मदद से सड़क की वास्तविक स्थिति जैसी अनुभूति होती है, जिससे महिलाओं को वाहन चलाने का आत्मविश्वास मिलता है। महिलाएं स्टीयरिंग संभालते हुए सड़क पर वाहन चलाने की प्रक्रिया को समझती दिखीं हर महिला के चेहरे पर आत्मनिर्भरता की झलक साफ झलक रही थी। इस दौरान उपस्थित आर टी ओ ,आर आई राजीव कुमार, प्रशिक्षक ने सिम्युलेटर मशीन की मदद से ड्राइविंग का व्यावहारिक प्रदर्शन कराया, जिसे देखकर महिलाएं उत्साहित नजर आईं।

रोड संकेत चिह्नों की पहचान पर भी प्रशिक्षण
प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को रोड संकेत चिह्नों (Traffic Signs) की पहचान और उनके अर्थ समझाए गए। प्रशिक्षकों ने बताया कि सड़क पर लगे संकेत चिह्न किसी भी चालक के लिए “मूक संदेशवाहक” की तरह होते हैं, जो सुरक्षा, दिशा और अनुशासन की जानकारी देते हैं। महिलाओं को बताया गया कि गोल लाल बॉर्डर वाले संकेत प्रतिबंध (जैसे “नो एंट्री”, “स्पीड लिमिट”) को दर्शाते हैं। त्रिकोणीय संकेत सावधानी के लिए होते हैं (जैसे “स्लिपरी रोड”, “स्कूल आगे”, “मोड़ आगे”)। आयताकार नीले संकेत सूचना देने के लिए होते हैं (जैसे “पार्किंग”, “हॉस्पिटल”, “बस स्टॉप”)। महिलाओं ने उत्साहपूर्वक सभी संकेतों की पहचान की और कहा कि अब वे ट्रैफिक नियमों को बेहतर तरीके से समझ सकेंगी।

महिलाओं को दी गई महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबर की जानकारी
वूमेन पावर लाइन 1090,पुलिस आपातकालीन सेवा 112, महिला हेल्पलाइन 181,,चाइल्ड लाइन 1098,एम्बुलेंस सेवा 108, स्वास्थ्य सेवा 102,साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 व 1090 – महिला पावर लाइन (महिलाओं के लिए हेल्पलाइन) 181 – महिला हेल्पलाइन (महिलाओं के लिए आपातकालीन सहायता) 112 – आपातकालीन सेवा (पुलिस, फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस के लिए),1076 – सीएम हेल्पलाइन (मुख्यमंत्री कार्यालय के लिए शिकायतें और सुझाव),1930 – साइबर सुरक्षा हेल्पलाइन (साइबर अपराधों के लिए सहायता)।

You may also like

Leave a Comment