लखनऊ,समाचार10 India। राजधानी में डी एल एफ प्रचुर मात्रा में ग्रिनरी हरा भरा के मध्य एक निरंतर विकसित होने वाली आवासीय कालोनी है। भूमिगत विद्युत केबिल, जल वितरण जल निकासी व वर्षा जल संचयन प्रणाली आदि कई अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की बुनियादी सुविधाओं से भरपूर है। कालोनी को अधिक विकसित संरक्षित, सुंदर व निवासियों को बहेतर सुविधाए, इसे कैसे सवारा-सजाया जाये इस पर डी एल एफ रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (कमेटी) की एक बैठक क्लब हाऊस स्वांमिंग पुल के पास एक सभाकक्ष में हुई। आर डब्लू ए कमेटी के सदस्य अध्यक्ष कर्नल अजय सिंह, उपाध्यक्ष विजय कुमार यादव, सचिव अशोक कुमार त्रिपाठी व अन्य अवधेश चन्द्रा, प्रहलाद दीक्षित, अतुल सिंह, प्रमोद कुमार, विपिन श्रीवास्तव, सोनू कुमार आदि ने अपनी बात रखी।
रेजिडेन्ट वेलफेयर कमेटी ने डी एल एफ से सम्बन्धित कार्यों को ईमानदारी, लगन, पारदर्शी तथा वैज्ञानिक व आधुनिक तरीके से तीव्रगति से कराने के संकल्प को दोहराया और कहा कि डी एल एफ मुख्यालय नई दिल्ली के कनाट पैलेस पर स्थित कार्यालय के अधिकारियों स्टाफ से समय-समय पर बात होती है, उनसे पत्राचार किया जाता है, कोई भी उपलब्धि यूँ ही नहीं मिलती उसके पीछे फालोअप करना पड़ता है। बताया गया कि करीब एक करोड़ 60 लाख की देन दारिया है जिसे कमेटी पारदर्शी तरीके से निस्तारित कर रही है। पिछला रिकार्ड डाटा नहीं था जिसे तैयार किया जा रहा है सभी प्रकार के भुगतान चेक के माध्यम से किया जा रहा है। स्टाक रजिस्ट्रर को अद्यतन किया जा रहा है। एल आई जी – ई डब्लू एस की समस्याओ का निस्तारण किया जाता है। कमेटी ने अन्य बातों को फिल्म के माध्यम से सदस्यों को विस्तार से बताया।
कमेटी के सदस्य तथा डी एल एफ निवासियों ने बताया कि डी एल एफ (दिल्ली लेण्ड एण्ड फाइनेस) एक भारतीय रियल एस्टेट कम्पनी जो आवासीय, वाणिज्यिक और खुदरा संपत्तियों के विकास को करती है। डी एल एफ लखनऊ गार्डन ग्रीन सिटी एक विकसित कालोनी है जो करीब 8 साल से विकसित हो रही है। किसी भी अवस्थपना के विकसित होने के लिए 8 साल कोई कम नहीं होते। इस कालोनी के जहाँ लोगों के करोड़ो रूपये के प्लाट व उस पर निर्माण है उसके बाद कालोनी के लोग दाल, चावल, आटा, दूध लेने के लिए मोहनलालगंज या तेलीबाग जाते हैं। कालोनी में अभी तक कोई उचित कमर्शियल क्षेत्र, अस्पताल, कोई टी-केन्टीन तक नहीं है। कालोनी का क्षेत्र लगभग तीन-चार किलोमीटर के अन्दर है जिसे पैदल ही चलना पड़ता है। बताया गया कि डी एल एफ से तीन किलोमीटर के अंदर डा० अम्बेडकर – गांधी एरिया जिसमें एलआईजी ई-डब्लू एस आवास है, पास में एक सांसद जी का अंदर एक स्कूल है। गेट के शुरु से स्कूल की परिधि रोड पर करीब 30 गढ्ढे है जहां बारिस में पानी भर जाता है। आवागमन के लिये एक भी बैटरी रिक्शा तक नहीं चलता है, गरीब अपनी सब्जी बाहर नहीं बेच सकता है। स्कूल के ईर्द-गिर्द स्कूली बस गाड़ी आवागमन में अवरोध पैदा करती है। पूरे रास्ते कही पीने का पानी, कोई भी स्टे सेंटर शौचालय नही है।
गार्ड ईधर उधर पानी के लिए मारे-मारे फिरते है, अतिथियों के बैठने के लिये कोई जगह, सार्वजनिक शौचालय नहीं है। गार्डन में कुत्ते और गाय घूमते मिल जाती है। बिजली का बिल आदि की कापी नही मिलती है, डी एल एफ कालोनी में कोई भी कार्य यहाँ के निवासियों के वेलफेयर के लिये होना चाहिये कोई भी खर्चे करने के पहले टेण्डर के नियमों के पालन पर जोर दिया जाये। आर डब्लू एफ के पदाधिकारी वाट-शप-वाटशप तो खेले पर उसे कोई भी जानकारी नोटिस बोर्ड पर जो मेन गेट सहित डा.अम्बेडकर- गांधी क्षेत्र एल आई जी. ई डब्लू एस में भी लगा हो शिकायतों का निस्तारण युद्ध स्तर पर किया जाये। पदाधिकारी और डी एल एफ पेड कर्मी अपनी मठाधीशी न करे, पब्लिक की बात सुने।
इस मौके पर उपस्थितजनों ने कहा कि आर डब्लू ए कमेटी अपनी बात रखने का अच्छा मंच है इसको सौहार्द पूर्ण बैठक प्रत्येक माह होती रहे। आपसी बैठको में पुलिस बल बुलाना सही नहीं है। बद्री प्रसाद, अरुणा सिंह, विवेक शर्मा, बी सी मल, प्रमोद कुमार शर्मा, जे पी मण्डल, विष्णु सिंह, सी एल यादव, रामानुज राव, सुरेखा वर्मा, प्रमोद, ए एन. मिश्र सुधीर आदि बड़ी संख्या में कालोनी निवासी उपस्थित थे।