लखनऊ,समाचार10 India। देश के उच्च शिक्षा लैंडस्केप को तकनीक के साथ बदलने के उद्देश्य से, भारत की पहली पूर्ण एआई-ऑगमेंटेड, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश ने प्रसिद्ध वैश्विक एआई स्ट्रेटेजिस्ट और अनुभवी शिक्षाविद प्रोफेसर डॉ थिपेंद्र पी सिंह को प्रो वाइस चांसलर के तौर पर नियुक्त किया है। जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त प्रोफेसर थिपेंद्र अपने साथ 24 वर्षों का विशाल इंडस्ट्री और अकादमिक अनुभव लेकर आए हैं, जो उभरते क्षेत्रों में तकनीकी प्रतिभाओं को तैयार करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश के फाउंडिंग प्रो वाइस चांसलर के रूप में प्रोफेसर थिपेंद्र की नियुक्ति विशेष रूप से ऐसे समय में अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है, जब यूनिवर्सिटी इस वर्ष अपना पहला अकादमिक सेशन शुरू करने जा रहा है, जिसका उद्देश्य उभरती टेक्नोलॉजीज में भविष्य के कार्यबल को विकसित करना है।
भारत की पहली पूर्ण रूप से एआई-इंटीग्रेटेड यूनिवर्सिटी में प्रो वीसी के रूप में, प्रोफेसर थिपेंद्र मल्टीडिस्प्लीनरी एआई-ऑगमेंटेड एजुकेशन, इंडस्ट्री-कोलेब्रेटिव एजुकेशन, डिजिटल शिक्षा और इमर्सिव लर्निंग के साथ चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश की वैश्विक स्थिति को बढ़ाने के लिए काम करेंगे, ताकि क्षेत्र के अकादमिक लैंडस्केप को बदला जा सके।
एक विपुल शोधकर्ता और विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त विद्वान, डॉ सिंह ने प्रमुख पत्रिकाओं में 120 से अधिक सहकर्मी-समीक्षित प्रकाशन लिखे हैं और मशीन इंटेलिजेंस, हाइब्रिड इंटेलिजेंट सिस्टम और पैटर्न रिकग्निशन में अभूतपूर्व काम किया है।
उन्होंने बेनेट यूनिवर्सिटी में डीन (अकादमिक मामले) के रूप में कार्य किया है और यू.पी.ई.एस., शारदा यूनिवर्सिटी और हिंदुस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड कंप्यूटर स्टडीज सहित कई प्रतिष्ठित संस्थानों में कई सीनियर पदों पर कार्य किया है।
प्रो. थिपेंद्र ने चार पीएचडी विद्वानों का सफलतापूर्वक सुपरविज़न की है, जिनमें से एक फ्रांसीसी यूनिवर्सिटी के साथ इंटरनेशनल कोलेब्रेशन के माध्यम से है और वर्तमान में चार और डॉक्टरेट कैंडिडेट का मार्गदर्शन कर रहे हैं। उनका वैश्विक प्रभाव फ्रांस, यूके, माल्टा, इटली, यूएई और सिंगापुर में व्याख्यान और अकादमिक मंचों तक फैला हुआ है, जिसमें माल्टा यूनिवर्सिटी में इरास्मस+ विजिटिंग स्कॉलर के रूप में उनकी भूमिका भी शामिल है। उनका प्रभाव कक्षाओं से परे विद्वानों के प्रकाशन तक फैला हुआ है, जिसमें लेखक या संपादक के रूप में 20 से अधिक पुस्तकें हैं, जो एआई इकोसिस्टम में एक विचार नेता के रूप में उनकी स्थिति को मजबूत करती हैं। उन्होंने उत्तराखंड में एक पहल के तहत एक विशेष ग्राफ थ्योरी पाठ्यक्रम तैयार किया और उसे लागू किया, जो जमीनी स्तर पर अकादमिक विकास के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है।
प्रोफेसर थिपेंद्र की एफिलेशन अकादमिक जगत में उनके कद को दर्शाती है, जिसमें इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (भारत) के फेलो,आईईईई (यूएसए) के वरिष्ठ सदस्य और एसीएम, ईएआई, आईएसटीई, आईएईएनजी और आईएनटीईए-इंडिया के सक्रिय सदस्य शामिल हैं। वे एल्सेवियर, स्प्रिंगर और इंदरसाइंस जैसी विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित पत्रिकाओं के संपादकीय बोर्ड में बैठते हैं और उच्च प्रभाव वाले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में अक्सर मुख्य वक्ता और अध्यक्ष के तौर पर भूमिका अदा करते हैं। उनका हालिया प्रकाशन, “रेवोलूशनिंग हैल्थकेयर:इम्पैक्ट ऑफ़ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऑन डायग्नोस्टिक, ट्रीटमेंट एंड पेशेंट केयर”, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सेवा वितरण दोनों को बदलने में एआई की जटिल क्षमता की जांच करता है, जो इस क्षेत्र के लिए एक दूरदर्शी रोडमैप पेश करता है।
सीयू यूपी में प्रो. थिपेंद्र की प्रो. वीसी के रूप में नियुक्ति इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत का हायर एजुकेशन लैंडस्केप एक तेजी के दौर से गुजर रहा है, जिसमें उभरती हुई टेक्नोलॉजीज और ग्लोबल प्रतिस्पर्धा पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। एआई पर शोध सहित उनका विशाल इंटरनेशनल अकादमिक और शोध अनुभव चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के अकादमिक विज़न में एक नया विज़न लाने में अहम सिद्ध होगा।
प्रो. डॉ. थिपेंद्र पी. सिंह को चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश के प्रो. वाइस चांसलर के रूप में उनकी नियुक्ति पर हार्दिक स्वागत करते हुए, सांसद (राज्यसभा) और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू ने कहा, “प्रो. वाइस चांसलर डॉ. थिपेंद्र पी. सिंह एक प्रसिद्ध वैश्विक एआई स्ट्रेटेजिस्ट और अनुभवी शिक्षाविद हैं, जो अपने साथ एक विशाल शोध और अकादमिक अनुभव लेकर आए हैं, जो स्टूडेंट्स और शिक्षकों दोनों के लिए उपयोगी होगा और मुझे यकीन है कि एआई में उनकी विशेषज्ञता, विशाल शोध अनुभव और मूल्यवान अंतर्दृष्टि के साथ, वे सीयू उत्तर प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।”
संधू ने कहा, “चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश देश की पहली यूनिवर्सिटी’ बन गई है, जो अपने सभी अकादमिक प्रोग्राम्स को एआई के साथ एक सामान्य घटक के रूप में पेश करता है, ताकि विश्व स्तरीय एआई-ऑगमेंटेड मल्टीडिस्प्लीनरी एजुकेशन प्रदान की जा सके, जो 21वीं सदी के शिक्षार्थियों की उभरती जरूरतों के अनुरूप है। सीयू उत्तर प्रदेश 2025-26 में आगामी अकादमिक सेशन से 49 एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) ऑगमेंटेड कोर्स पेश कर रहा है।”
संधू ने कहा, “उभरती पटेक्नोलॉजीज में इंडस्ट्री-अलाइन एक्सपीरियंस एजुकेशन चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में पोषित अकादमिक लोकाचार की प्रमुख आधारशिला है। इंडस्ट्री-अलाइन कोलेब्रेटिव अकादमिक प्रोग्राम प्रदान करने के लिए, देश की पहली एआई-सपोर्टेड चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश ने अगली पीढ़ी के एआई ऑगमेंटेड प्रोग्राम पेश करने के लिए 24 टॉप ग्लोबल और इंडियन इंडस्ट्री दिग्गजों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जो विशेष रूप से एआई और मशीन लर्निंग (एमएल), साइबर सुरक्षा, क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा साइंस, डेटा एनालिटिक्स और फिनटेक सहित उभरती टेक्नोलॉजीज पर केंद्रित हैं, जो कुल मिलाकर निकट भविष्य में लाखों नौकरियां पैदा करेंगे।
हमने शिक्षाविदों में स्टेकहोल्डर के रूप में टॉप इंडस्ट्री दिग्गजों को भी शामिल किया है और पहला अकादमिक सेशन शुरू करने से पहले ही, सीयू उत्तर प्रदेश ने 100 से अधिक कंपनियों के सीईओ और वाइस प्रेजिडेंट के साथ अपना कॉर्पोरेट सलाहकार बोर्ड (सीएबी) बनाया है। इसके साथ ही सीयू उत्तर प्रदेश में अपना पहला अकादमिक सेशन शुरू करने से पहले ही इंडस्ट्री के साथ इतने सारे अकादमिक कोलेब्रेशन स्थापित करने वाली भारत की पहली यूनिवर्सिटी बन गई है। ये अकादमिक कोलेब्रेशन गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, आईबीएम, एसएएस, रैबिट एआई, क्विक हील, केपीएमजी और पीडब्ल्यूसी जैसी दुनिया की अन्य टॉप तकनीकी और कंसल्टिंग फर्मों के साथ किया गया है।
सीयू उत्तर प्रदेश में प्रो वीसी के रूप में नई भूमिका संभालने पर उत्साहित प्रोफेसर थिपेंद्र ने कहा, “मैं चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश द्वारा दी गई इस बड़ी जिम्मेदारी के लिए आभारी और भाग्यशाली हूं। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी पहले से ही शिक्षा के क्षेत्र में चमक रही है और मैं प्रो वीसी के रूप में अपनी क्षमता में यूनिवर्सिटी को और भी अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए काम करूंगा।”
उन्होंने कहा, “हाल के वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में की गई तीव्र प्रगति के बाद, यूपी न केवल देश की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है, बल्कि आज राष्ट्र के विकास इंजन को भी आगे बढ़ा रहा है। जैसा कि आज दुनिया तेजी से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को अपना रही है, उत्तर प्रदेश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इकोसिस्टम के लिए एक केंद्र बनाने के लिए लखनऊ में भारत का पहला एआई शहर बना रहा है। अगले पांच वर्षों में 50,000 से अधिक नौकरियों के सृजन की क्षमता के साथ, यह पहल युवाओं के लिए मजबूत अवसर पैदा करेगी और इस क्षेत्र को एआई पावर हाउस के रूप में स्थापित करेगी।
भारत एआई मिशन के अनुरूप, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने 2500 करोड़ रुपये के निवेश के साथ पूरी तरह से एआई-ऑगमेंटेड चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी कैंपस शुरू किया है, जो एआई और अन्य उभरती टेक्नोलॉजीज में प्रशिक्षित भविष्य के कार्यबल को तैयार करके देश के अकादमिक लैंडस्केप को बदलने में एक उत्प्रेरक शक्ति के रूप में कार्य करेगा।
प्रोफेसर थिपेंद्र ने आगे कहा, “अपने स्टूडेंट्स को टेक्नॉलजी-ड्रीवन (इमर्सिव लर्निंग) और इंडस्ट्री-अलाइन एजुकेशन प्रदान करने के लिए, पहले अकादमिक सेशन के शुरू करने से पहले ही टॉप इंडस्ट्री दिग्गजों के साथ बड़े पैमाने पर जुड़ाव न केवल स्टूडेंट्स को भविष्य की तकनीकों में प्रशिक्षित करने में सहायक होगा, बल्कि उनके लिए ग्लोबल रोजगार के ढेरों अवसर भी खोलेगा। एआई-सपोर्टेड एजुकेशन और अनुसंधान की और अधिक लाभ उठाने के लिए, सीयू उत्तर प्रदेश ग्लोबल एआई फर्म रैबिट एआई के कोलेब्रेशन से एआई में 5 सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस स्थापित करेगा।”