पाचन स्वास्थ्य बेहतर बनाने के लिए कोर्स तैयार: लॉन्गटर्म में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल

स्वास्थ्य अच्छा बनाये रखने के लिए जरूरी उपाय

by Vimal Kishor

 

 

 

 

लखनऊ , वर्तमान समय में पेट के स्वास्थ्य को लोग ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं इसलिए लोग अपने पाचन स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए तमाम उपाय कर रहे हैं। लोग पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए व्यावहारिक मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं। शरीर के स्वस्थ रहने में आंत का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी होता है इसलिए एक्सपर्ट लॉन्ग टर्म में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्वास्थ्य को मजबूत करने वाली रणनीतियों और उपायों को अपनाने के महत्व पर जोर देते हैं।
पाचन स्वास्थ्य के अच्छे होने में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम के अन्दर कई फैक्टर्स यानी कारक शामिल होते हैं। इन कारकों में पाचन, माइक्रोबायोम संतुलन, इम्यून फंक्शन (प्रतिरक्षा कार्य) और भावनात्मक स्वास्थ्य शामिल होता हैं। एक अच्छा आंत का वातावरण न केवल कुशल पाचन और पोषक तत्वों के अवशोषण की सुविधा देता है, बल्कि इम्यून रिस्पोंस (प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया) मॉड्यूलेशन और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

रीजेंसी हेल्थकेयर में सीनियर कंसल्टेंट गैस्ट्रोएंटरोलॉजी डॉ. प्रवीण झा ने पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए आवश्यक दृष्टिकोण पर जोर देते हैं। वह इस बात पर कहते हैं, “हमारे समग्र स्वास्थ्य पर आंत के स्वास्थ्य के गहरे प्रभाव को समझना एक स्वस्थ, ज्यादा संतुलित लाइफस्टाइल को बढ़ावा देने की कुंजी है। एक अच्छी तरह से पोषित आंत हमारे शरीर के लचीलेपन की आधारशिला के रूप में कार्य करती है, जो पाचन में सुधार, इम्यूनिटी को मजबूत करने, मानसिक स्पष्टता बढ़ाने और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में योगदान करती है। पाचन स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने वाली रणनीतियों को अपनाने से, हम न केवल अपने शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं बल्कि जीवन शक्ति की भावना भी विकसित करते हैं जो हमारे जीवन के हर पहलू में व्याप्त है।
वैज्ञानिक सुझाव और साक्ष्य-आधारित उपायों के आधार पर व्यक्ति अपने पेट के स्वास्थ्य को स्वाभाविक रूप से बढ़ाने के लिए सक्रिय उपाय अपना सकते हैं। पाचन कल्याण को नेविगेट करने के लिए यहां 6 प्रमुख रणनीतियों दी गई हैं:
पोषक तत्वों से भरपूर डाइट खाएं: आंत के माइक्रोबायोटा को पोषण देने और पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए फल, सब्जियां, साबुत अनाज, दही और किण्वित खाद्य पदार्थों सहित फाइबर युक्त और प्रोबायोटिक-पैक खाद्य पदार्थों को खाएं।

नियमित एक्सरसाइज़ करें: आंत बैक्टीरिया विविधता को प्रोत्साहित करने और समग्र कल्याण को बढ़ावा देने के लिए लगातार शारीरिक गतिविधि करें। रोज में मध्यम तीव्रता वाली एक्सरसाइज करने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल फंक्शन और मेटाबोलिज्म स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
शराब का सेवन कम करें या न करें: आंत माइक्रोबायोटा संरचना और आंतों की सूजन पर संभावित नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए शराब का सेवन करें। शराब का सेवन कम करने या न करने से पाचन बेहतर हो जाता है और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी डिसऑर्डर का खतरा कम हो जाता है।
स्ट्रेस मैनेजमेंट: मनोवैज्ञानिक तनाव को कम करने और आंत-मस्तिष्क के बीच सामंजस्य बनाए रखने के लिए तनाव कम करने की तकनीकें जैसे माइंडफुलनेस, रिलैक्सेशन एक्सरसाइज और नियमित शारीरिक गतिविधि करें। तनाव के स्तर को बेहतर तरीके से मैनेज करने से आंत का कार्य और भावनात्मक लचीलेपन में योगदान देता है।
प्रोबायोटिक सप्लीमेंटेशन: आंत के स्वास्थ्य को मजबूत करने के लिए प्रोबायोटिक सप्लीमेंटेशन को विशेष रूप से एंटीबायोटिक थेरेपी, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर या इम्यून सिस्टम सपोर्ट से जुड़े परिदृश्यों में कंप्लीमेंटरी एप्रोच (पूरक दृष्टिकोण) के रूप में मानें। जिन प्रोबायोटिक स्ट्रेंस की प्रभाविकता सिद्ध हो चुकी हो उसे चुने और रिकमेंडेड डोज का पालन करना पाचन के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है।
पर्याप्त हाइड्रेशन बनाए रखें: पाचन स्वास्थ्य के लिए उचित हाइड्रेशन बहुत जरूरी होता है क्योंकि यह आंतों की म्यूकोसल लाइनिंग को बनाए रखने में मदद करता है, पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद करता है और पाचन अच्छे से करने की सहूलियत देता है। पूरे दिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से संपूर्ण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल फ़ंक्शन को बढ़ावा मिलता है।
इन उपरोक्त साक्ष्य-आधारित रणनीतियों को अपनाकर व्यक्ति पाचन स्वास्थ्य को बेहतर करने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा सकते हैं और अंदर से लचीलापन और जीवन शक्ति को बढ़ावा दे सकते हैं।

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