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’’ विदेश मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर की यात्रा और तोक्यो में बैठकें इन क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच ‘‘कार्यात्मक सहयोग’’ के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन उपलब्ध कराएंगी। उनके कारोबारी नेताओं, विचार समूहों के प्रमुखों और शिक्षाविदों से बातचीत करने की उम्मीद है। भारत के संबंधों को जापान और दक्षिण कोरिया के साथ मजबूत करेंगे।