बाला जी महिमा इन्फ्रास्ट्रक्चर कम्पनी ने अवैध प्लाटिग से लोगो का करोड़ों रुपए हडपा

by Vimal Kishor

चिनहट ग्राम धावा तहसील लखनऊ मे न्यायालय द्वारा लगे स्टे वाली जमीन ( प्लाट ) को बेचा

 

 

लखनऊ,समाचार10 India। आरोपी राज यादव पैसे मागने पर लोगो को डरा धमका रहा, एफआईआर के बाद फरार
लखनऊ। राज यादव जैनपुर निवासी जो लखनऊ मे 9 जुपिटर रियल स्टेट कंपनी मे नौकरी 2015, 16 मे करता था। उसने 2017 में अपनी कम्पनी बाला जी महिमा इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी खोली। राज यादव और इनकी कम्पनी के लोगो ने चिनहट के पास ग्राम धावा तहसील लखनऊ मे खसरा नम्बर 455 बंजर जमीन के पेपर बनाकर शिवसिटी नाम से प्लाटिग करने लगे। इस जमीन पर एक शिवजी का मंदिर अभी निर्माणाधीन है। ग्राहक जो जमीन खरीदते उसका पैसा बाला जी महिमा इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड जिसके डायरेक्टर राज यादव है, कि कंपनी से किसान को जाता था। कुछ लोगो ने रजिस्ट्री भी करा ली थी। जिसमें राज यादव गवाह है।

राज यादव की कंपनी में काम करने वाली महिला मोती देवी ने भी अपने कमीशन का दो लाख 25 हजार और दो लाख रुपए कैश कंपनी में प्लाट लेने के लिए दिया। कुल 4 लाख 25 हजार रुपए की जमीन खरीदी और अपने करीबियो को भी जमीन खरीदने के लिए कंपनी को जमीन के लिए पैसे दिलवाया। मोती देवी को बाद मे पता चला की यह जमीन खसरा नम्बर 455 पर न्यायालय द्वारा स्टे लिया गया है। उसे अपने साथ ठगी का ज्ञान होते ही उसने जिन लोगो को यहां पर जमीन खरीदने के लिए जिन लोगों से पैसे कंपनी को दिलवाये थे, उन सबको पता चला तो सब के होश उड गये की सालो की मेहनत की कमायी धोखाधडी मे चली गयी। मोती देवा व अन्य करीब 9 लोगों- सोनी पाल, नवीन गुप्ता, सुशील पाठक, बिन्दू देवी शशी मिश्रा इंदू देवी आदि ने मिलकर कम्पनी को पत्र लिखा और पत्र मे अपने पैसे की वापसी की बात कही। इसी बीच राज यादव ने कम्पनी के अन्य लोगो के साथ मिलकर आफिस मे सीसीटीवी कैमरे बाथरूम मेंं लगाकर मोती देवी की अश्लील फोटो और वीडिया बनाकर ब्लैक मेल करता रहा, शारिरिक शोषण करने के साथ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देता रहा। मोती देवी ने बताया कि राज यादव सिकंदर यादव व अभिषेक ने मिलकर मेरा शारीरिक शोषण किया। इन आरोपियों के खिलाफ चार एफआइआर उच्च अघिकारियो की पड़ताल के बाद गोमती नगर थाने मे लिखी गयी। राज यादव पर पहले भी कई मामाले दर्ज है। राज यादव आरोपी ने अपना रसूख दिखाते हए जांच सीबीसीआइडी के यहां हस्तान्तरित करा ली। लोगो का करोडो रूपये राज यादव लेकर फरार है। पुलिस अब भी उसकी गिरफ्तारी नहीं कर पायी जिससे लोगों में आक्रोश है।

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