ग्रामीण छात्रों के बीच खगोल विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए ग्लोबल ग्रीन फाउण्डेशन व मेन्टार्स एण्ड मास्टर्स की अनूठी पहल
लखनऊ,समाचार10 India। घर के आंगन और छत से खुले आकाश में तारों को निहारते हुए बच्चों के मन में बहुत से प्रश्न आते हैं। वे इनका जवाब अपने आसपास के परिवेश में ढूंढने की कोशिश करते हैं। शहरी इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए ऐसे बहुत से साधन उपलब्ध हैं, जो उनके सवालों के जवाब मुहैया करा देते हैं। लेकिन ग्रामीण परिवेश में रहने वाले बच्चों के लिए ऐसे साधन और स्रोत थोड़ा दुर्लभ होते हैं। इसी अंतर को मिटाने के लिए लखनऊ की एनजीओ ग्लोबल ग्रीन फाउण्डेशन व मेन्टार्स एण्ड मास्टर्स ने संयुक्त रूप से समग्र विकास के नाम से जनसामान्य एवं विद्यार्थियों के लिए परियोजना प्रारम्भ की है।
इस पहल के तहत ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थियों की खगोल विज्ञान में बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में सौरघड़ी, टेलीस्कोप के माध्यम से सूर्य का अवलोकन, खगोल विज्ञान पर प्रश्नोत्तरी, टेलीस्कोप के माध्यम से रात्रि आकाश दर्शन तथा नग्न आँखों से नक्षत्रों की पहचान कराने के लिए उच्च प्राथमिक विद्यालय, ग्राम नरोसा, ब्लाक बख्शी का तालाब, लखनऊ का चयन किया गया। इस विद्यालय के विद्यार्थियों के लिए समग्र विकास परियोजना के अर्न्तगत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बच्चों को खगोलकी पर आधारित एक फिल्म भी दिखायी गयी।
इस कार्यक्रम में अनिल यादव, निदेशक, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उ.प्र.,सुश्री क्षिप्रा पाल, उप जिलाधिकारी, बख्शी का तालाब लखनऊ, डा० अलका मिश्रा, एसोसिएट प्रोफेसर लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ, अरूण कुमार, बेसिक शिक्षा अधिकारी, लखनऊ एवं सुमित कुमार श्रीवास्तव, वैज्ञानिक अधिकारी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उ.प्र. द्वारा प्रतिभाग किया गया। संस्थाओं के वालियन्टिर्स द्वारा उपरोक्त सभी कार्यक्रमों का सफल आयोजन किया गया। उच्च प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों के अतिरिक्त आस-पास के अन्य विद्यालयों के विद्यार्थियों तथा शिक्षकों द्वारा भी उत्साहपूर्वक इस कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया। ग्राम नरोसा के ग्राम प्रधान द्वारा इस कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की गयी तथा समग्र विकास परियोजना के कार्यक्रमों की शुरूआत उनके ग्राम से होने के लिए संस्थाओं को धन्यवाद दिया गया।
अनिल यादव द्वारा ग्लोबल ग्रीन फाउण्डेशन एवं मेन्टार्स एण्ड मास्टर्स द्वारा किये गये इस प्रयास की सराहना की तथा उनके द्वारा यह भी कहा गया कि यदि भविष्य में इस प्रकार के और कार्यक्रम विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में संस्थाओं द्वारा कराये जाते हैं तो विद्यार्थी खगोलकी की तरफ आकर्षित होंगे। उप जिलाधिकारी द्वारा भी संस्थाओं के प्रयास की सराहना की तथा कार्यक्रम में विद्यार्थियों से कई प्रश्न भी पूछें रात्रि आकाश दर्शन में विद्यार्थियों से यह भी पूछा कि उन्हें दूरबीन में क्या-क्या दिखायी दिया?
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा संस्थाओं के इस प्रयास को जनपद के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में भी कराये जाने हेतु अनुरोध किया गया तथा अपनी तरफ से हर सम्भव सहायता प्रदान किये जाने का आश्वासन दिया गया। डा० अलका मिश्रा द्वारा विद्यार्थियों को सूर्य के बारे में अनेक रोचक जानकारियाँ प्रदान की गयीं। विद्यार्थियों को सौर कलंक, फिलामेण्टस, सोलर साइकिल, फ्लेयर्स, प्रामिनेन्सेज एवं सूर्य की चुम्बकीय शक्ति के बारे में भी बताया गया। इसके उपरान्त संस्थाओं के वालियन्टिर्स द्वारा सोलर टेलीस्कोप के माध्यम से सूर्य का अवलोकन कराया गया।
विद्यार्थियों को हैण्डस ऑन एक्टिविटी के रूप में सुमित कुमार श्रीवास्तव एवं उनकी टीम के द्वारा सौर घड़ी तथा रात्रि आकाश में नक्षत्रों की पहचान करायी गयी आयोजकों द्वारा सभी आमंत्रित अतिथियों तथा खगोलकी प्रश्नोत्तरी में विजयी विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया गया उच्च प्राथमिक विद्यालय, नरोसा के प्रधानाध्यापक, अध्यापकगण द्वारा इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजित कराने में पूर्ण सहयोग प्रदान किया गया।
संस्थाओं के वालियन्टिर्स के रूप में संकल्प मोहन, स्वपनिल रस्तोगी शरद कुमार शर्मा द्वारा कार्य किया गया। उच्च प्राथमिक विद्यालय, नरोसा के विद्यार्थियों द्वारा टेलीस्कोप से चन्द्रमा एवं ग्रहों को सजीव देखा जाना एक अविस्मरणीय पल था जिस हेतु सभी विद्यार्थी अत्यन्त उत्साहित एवं थे। कार्यक्रम के समापन में आयोजक संस्थाओं के प्रतिनिधि नीना चौधरी, अमित श्रीवास्तव एवं अर्पित श्रीवास्तव द्वारा सभी विशिष्ट अतिथियों, प्रधानाध्यापक व शिक्षकगणों, ग्राम नरोसा के सभी पदाधिकारियों एवं ग्राम पंचायत के कार्मिकों को समग्र विकास परियोजना के प्रथम कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया गया। उनके द्वारा भविष्य में भी अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र विकास परियोजना के कार्यक्रम कैलेण्डर को आयोजित कराये जाने की बात कही गयी।