काम से शिक्षा की ओर..

by Vimal Kishor

 

 अमित नायब

लखनऊ,समाचार10 India। माता-पिता द्वारा बच्चे को स्कूल भेजने का निर्णय इस बात से प्रभावित होता है कि कोई भी स्कूल पहुंच मैं है या नहीं और माता पिता स्वयं शिक्षित है या नहीं सफाई कामगार जातियों के बच्चों से बातचीत से पता चला कि वह अच्छे स्कूलों में इसलिए नहीं जा पाते क्योंकि हमारे माता पिता शिक्षित नहीं है और अगर थोड़ा बहुत शिक्षित भी हैं तो उनमें जानकारी का अभाव है इसका एक महत्वपूर्ण उदाहरण या भी कह सकते हैं कि हमारे माता-पिता की आमदनी इतनी कम है कि वह हमें अच्छे स्कूलों में दाखिला नहीं दिलवा सकते हैं।

माता-पिता को अपने बच्चों के भविष्य की कोई फिक्र नहीं है और ना ही वह उनके भविष्य को सुधारना चाहते हैं यह सरासर गलत धारणा बना दी गई है जिसे जमीनी सच्चाई के जरिए झूठ लाया गया है माता-पिता को जब उनके बच्चों को पढ़ाने का अवसर दिया गया तो उन्होंने उसको खुले मन से स्वीकार किया
हम सभी लोगों को समझना होगा कि शिक्षा सर्वोपरि है उसके लिए क्या की आवश्यकता है शिक्षा के लिए हमें चंद पैसों के लालच को ताक पर रखना होगा और हमारे समाज के कम उम्र में बच्चे सफाई पैसे से जुड़ जाते हैं फिर वह शिक्षा से कोसों दूर हो जाते हैं।

इसका मुख्य कारण यह भी हो सकता है कि सफाई काम कर समाज के अभिभावक सुबह 5:00 बजे से शाम तक या फिर रात तक कह सकते हैं, वे अपनी नौकरी करते हैं फिर शाम को घर आकर अपने कामकाज में व्यस्त हो जाते हैं उसके बाद क्या अपने बच्चों को शिक्षा देंगे इसलिए हम आपको समूह बनाकर बस्तियों में शिक्षा का प्रचार प्रसार करना होगा तभी हम लोग “काम से शिक्षा की ओर” अपने समाज को ले जा सकते हैं।

अतः सर्वप्रथम शिक्षित करो,और खुद भी शिक्षित बनो।

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