नई दिल्ली,समाचार10 India-रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी। भारत दौरे पर आए चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से मुलाकात की और आपसी हित के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने के साथ ही वैश्विक स्थिति पर भी गहन चर्चा की। इसके बाद यी की मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ भी अहम बैठक हुई, जिसमें दोनों पक्षों की ओर से द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने पर जोर दिया गया।
दोनों देशों के बीच 24वीं विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता से पहले हुई इन बैठकों ने पड़ोसी देशों के बीच सीमा पर शांति एवं सौहार्द बनाए रखने के साथ ही द्विपक्षीय व्यापार के विस्तार का रास्ता भी तय किया है। यी के साथ बैठक के बाद जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा इस बात पर जोर दिया कि हमारे संबंध तीन परस्पर मूल्यों – पारस्परिक सम्मान, पारस्परिक संवेदनशीलता और पारस्परिक हित – द्वारा सर्वोत्तम रूप से निर्देशित होते हैं। चूंकि हम अपने संबंधों के कठिन दौर से आगे बढ़ना चाहते हैं, इसलिए इसके लिए दोनों पक्षों की ओर से एक स्पष्ट और रचनात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
विदेश मंत्री ने आगे बताया कि दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापारिक मुद्दों, तीर्थयात्राओं, लोगों के बीच संपर्क, नदी डेटा साझाकरण, सीमा व्यापार, संपर्क और द्विपक्षीय आदान-प्रदान पर उपयोगी बातचीत हुई। वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान हुआ। उन्होंने विश्वास जताया कि ये चर्चाएं भारत और चीन के बीच एक स्थिर, सहयोगात्मक और दूरदर्शी संबंध बनाने में योगदान देंगी।
चीनी विदेश मंत्री के साथ बैठक के बाद एनएसए डोभाल ने कहा एक सकारात्मक रुख देखने को मिला है। सीमा पर शांति है। सौहार्द बना हुआ है। हमारे द्विपक्षीय संबंध और भी मजबूत हुए हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि पिछली वार्ता की तरह यह 24वीं विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता भी उतनी ही सफल होगी।
वहीं दूसरी ओर जयशंकर और डोभाल के साथ हुई बैठक के बाद यी ने कहा पिछले कुछ वर्षों में हमें जो असफलताएं झेलनी पड़ीं, वे दोनों देशों की जनता के हित में नहीं थीं।
फिर पिछले साल अक्तूबर में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच कजान में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसने हमारे द्विपक्षीय संबंधों के विकास की दिशा तय की और सीमा विवाद के उचित समाधान के लिए प्रोत्साहित किया। सीमाओं पर अब जो स्थिरता बहाल हुई है, उसे देखकर हमें बहुत खुशी हो रही है। अब द्विपक्षीय संबंधों में सुधार और विकास का एक महत्वपूर्ण अवसर है।