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नई दिल्ली, दिसंबर 13। घोर कलयुग के इस दौर में किसी से इंसानियत की उम्मीद करना बहुत ही मुश्किल है। सड़क पर इंसान घायल पड़ा होता है, लेकिन कोई उसकी मदद के लिए आगे नहीं आ सकता। ऐसे समय में इंसानियत