लखनऊ,समाचार10 India। विश्व फिजियोथेरेपी दिवस के अवसर पर फिजियोथेरेपी यूनिट पी.एम.आर विभाग केजीएमयू में हुए एक समारोह में फिजियोथेरेपी से इलाज की आधुनिक विधाओं व उच्चीकरण के संबंध में चर्चा हुई। समारोह में फिजियोथेरेपी विधा की अत्याधुनिक विधाओं तथा एडवांसमेन्ट पर डॉ. अरविन्द सोनकर, एसो. प्रोफेसर ने विस्तृत रूप से चर्चा की। प्रोविंशिल फिजियोथेरेपी एसोशिएसन के अध्यक्ष डाॅ. अतुल मिश्रा ने आधुनिक परिवेश में चिकित्सा क्षेत्र में फिजियोथेरेपी की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज यह विधा चिकित्सा के हर क्षेत्र में अपनी उपयोगिता को सिद्ध कर चुकी है।
मिश्रा ने विश्व भौतिक चिकित्सा दिवस का इतिहास बताया कि दुनिया में एकमात्र संगठन जो दुनिया के सभी भौतिक चिकित्सक या फिजियोथेरेपिस्ट का प्रतिनिधित्व करता है, वह विश्व भौतिक चिकित्सा परिसंघ है। इसकी स्थापना 8 सितंबर 1951 को हुई थी और इसे आमतौर पर वर्ल्ड फिजियोथेरेपी दिवस कहा जाता है। इस महत्वपूर्ण संगठन के ऐतिहासिक गठन को मनाने के लिए विश्व भौतिक चिकित्सा दिवस की आधिकारिक घोषणा 8 सितंबर 1996 को की गई थी।
इस अवसर पर डॉ. मंसूर , डॉ. मनमोहन , डॉ. मानवेन्द्र सिंह, डॉ. प्रणय सिंह, डाॅ. रविन्द्र गौतम, डा. श्रद्धा वर्मा , डॉ. हर्षिका श्रीवास्तव, डॉ. आकांक्षा सहित अन्य फिजियोथेरेपिस्ट उपस्थित थे।