समीर वानखेड़े से खैरनार तक : ‘बड़ी मछली’ पकड़ोगे तो ‘मगरमच्छ’ निगल लेंगे !

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नई दिल्ली, 27 अक्टूबर। जब भी किसी ऊंची हैसियत वाले व्यक्ति के खिलाफ कोई ईमानदार अफसर कानून का शिकंजा कसता है, तो उसे फंसाने की साजिश क्यों शुरू हो जाती है ? शासनतंत्र में जड़ जमा चुके भ्रष्टाचारी इतने ताकतवार हैं कि

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