लखनऊ, समाचार10 India। भारत के निजी क्षेत्र के अग्रणी बैंक एचडीएफसी बैंक ने अपने सीएसआर ब्रांड परिवर्तन के तहत आज घोषणा की कि वह अब तक उत्तर प्रदेश राज्य में दो करोड़ से अधिक लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है। परिवर्तन अपने पांच स्तंभों के माध्यम से राज्य भर में कई सामाजिक क्रियाकलापों का क्रियान्वयन कर रहा है जैसे : ग्रामीण विकास, शिक्षा को बढ़ावा देना, कौशल प्रशिक्षण और आजीविका संवर्धन, स्वास्थ्य देखभाल और स्वच्छता, और वित्तीय साक्षरता और समावेशन।
सुश्री नुसरत पठान, प्रमुख-सीएसआर, एचडीएफसी बैंक ने कहा, “एचडीएफसी बैंक परिवर्तन का लक्ष्य स्थानीय समुदायों के जीवन में गुणात्मक सुधार करना है। हमने राज्य में सबसे वंचित समूहों की पहचान की है और परिवर्तन के माध्यम से उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा उद्देश्य वंचित समुदायों को सशक्त बनाकर गरीबी और हाशिए के चक्र को तोड़ना है और इस प्रकार, राष्ट्र निर्माण में योगदान देना है।
इस स्तंभ के तहत, परिवर्तन समुदायों के समग्र ग्रामीण विकास को बढ़ावा देता है। प्रयागराज, गोरखपुर, अयोध्या, श्रावस्ती, झाँसी, चित्रकूट और बुलन्दशहर में, परिवर्तन प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहा है जो पारंपरिक बीजों और स्थानीय संसाधन-आधारित कृषि के उपयोग पर आधारित है। इसके अलावा, चंदौली, गोरखपुर, कौशाम्बी, शाहजहाँपुर और सिद्धार्थनगर जिलों में लगभग 485 सौर ऊर्जा संचालित स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं।
इस स्तंभ के तहत, जिन समुदायों की शिक्षा तक पहुंच नहीं है, बैंक उनके लिए वहां सीखने के लिए अनुकूल माहौल बनाता है। सीतापुर, लखीमपुर, कुशीनगर, देवरिया, गोरखपुर, वाराणसी, आगरा, मथुरा, ललितपुर और बुलंदशहर में, बैंक ने 200 से अधिक सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम बनाए हैं, इस प्रकार कक्षाओं को डिजिटल रूप से समझदार, अधिक जीवंत और छात्र-अनुकूल बनाया गया है। इस स्तंभ के तहत अब तक परिवर्तन राज्य के 80,790 स्कूलों और 77 लाख से अधिक छात्रों तक पहुंच चुका है।
कौशल प्रशिक्षण एवं आजीविका संवर्धन
इस स्तंभ के तहत, बैंक सतत आय सृजन को सक्षम करने के लिए व्यक्तियों को कौशल प्रदान करता है। बैंक ने अब तक विभिन्न पहलों के माध्यम से 95,000 से अधिक महिलाओं को उद्यमी बनाया है। इसके अलावा, बैंक प्रतापगढ़ और अयोध्या में मुर्गीपालन, बकरी और मछली पालन के माध्यम से एक त्रिस्तरीय आजीविका कार्यक्रम संचालित करता है। क्षेत्र में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को प्रोत्साहित किया जाता है और उन्हें उनकी जमीन पर बकरियों, मुर्गियों और मछलियों को रखने के साधन उपलब्ध कराए जाते हैं। राज्य में 1,787 प्रत्यक्ष महिला सूक्ष्म उद्यमी हैं जो पशुधन, सिलाई, छोटी दुकान और खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से आजीविका कमा रही हैं।
स्वास्थ्य देखभाल एवं स्वच्छता
इस स्तंभ के तहत, परिवर्तन स्वच्छता सुविधाओं में सुधार करता है और समुदायों में सुरक्षित स्वच्छता को बढ़ावा देता है।प्रयागराज, प्रतापगढ़, गोरखपुर, श्रावस्ती, चंदौली, अयोध्या, मथुरा और ललितपुर में, बैंक ने 2,590 से अधिक स्वास्थ्यकर स्वच्छता इकाइयाँ स्थापित करके सभी को स्वच्छता सुविधाएँ प्रदान करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इसके अलावा, बैंक ने ग्रामीण समुदायों के लिए जल जीवन मिशन योजना लागू की, जो 40 गांवों में घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से 40,000 लोगों को सुरक्षित पेयजल सुनिश्चित करती है।