बाराबंकी। भारतीय कृषि रसायन उद्योग की प्रमुख कंपनियों में से एक, बेस्ट एग्रोलाइफ लिमिटेड ने घोषणा की है कि उसे ट्राईफ्लोक्सिस्ट्रोबिन 10% + डिफेनोकोनाज़ोल 12.5% + सल्फर 3% एससी का उत्पादन करने के लिए पंजीकरण प्राप्त हुआ है। इससे बेस्ट एग्रोलाइफ लिमिटेड (बीएएल) भारत में ट्राईफ्लोक्सिस्ट्रोबिन 10% + डिफेनोकोनाज़ोल 12.5% + सल्फर 3% एससी का उत्पादन करने वाली पहली भारतीय कृषि रसायन कंपनी बनेगी।
बीएएल ने बताया कि केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और पंजीकरण समिति (सीआईबीआरसी) ने अपनी 447वीं बैठक में यह पंजीकरण इसकी संपूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी सीडलिंग्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को प्रदान किया है।
बेस्ट एग्रोलाइफ लिमिटेड के एमडी, श्री विमल कुमार ने कहा कि “हमारी कंपनी को इस पंजीकरण की बहुत प्रतीक्षा थी। वर्षों से बीएएल ने किसान-केंद्रित कंपनी होने की अपनी एक अलग पहचान बनाई है। ट्राईकलर हमारा पेटेंटेड उत्पाद होगा और हम यह विश्वास कि हमारे पेटेंटेड नवीन मिश्रण रोनफेन, जिसने FY/23 में कम्पनी की ग्रोथ में महत्वपूर्ण योगदान दिया, की तरह ही ट्राईकलर भी भारतीय कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा और इंडस्ट्री में हमारी जगह और मजबूत करेगा I”
उन्होंने कहा कि “बीएएल ट्राईकलर को जुलाई में लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है। कंपनी ने पहले तिमाही में प्रोपाक्वीज़ैफोप और एमिट्रन को प्रॉपिक्यू और अमितो नाम के साथ ही लॉन्च कर दिया है। ये सभी उत्पाद हमें वर्तमान वित्तीय वर्ष में 30% की वृद्धि और 20% की EBITDA मार्जिन का लक्ष्य बनाए रखने में मदद करेंगे। हम हर वर्ष इन उत्पादों की बाजार भागीदारी बढ़ाते रहेंगे ताकि अधिक लाभ हो सके।”
ट्राईफ्लोक्सिस्ट्रोबिन और डिफेनोकोनाज़ोल के नए उपचारात्मक और तार्किक मिश्रण का उपयोग एक व्यापक कीटनाशक के रूप में होता है। सल्फर क्रियाशीलता का कारक होता है और सक्रिय तत्वों की प्रभावक्षमता को 3 गुना बढ़ाता है। यह मिश्रण धान, टमाटर, अंगूर, मिर्च, गेहूँ, आम और सेब में शीथ ब्लाइट, पाउडरी माइल्ड्यू, स्कैब और अल्टर्नेरिया जैसे कई फसल के रोगों को सफलतापूर्वक नियंत्रित करता है। कंपनी ने इस मिश्रण के लिए कई प्रदर्शन और प्रयोग खेतों में किए हैं और उन्हें अद्भुत परिणाम मिले हैं।
उल्लेखनीय है कि बीएएल ने 2022-23 वित्तीय वर्ष के लिए मजबूत वार्षिक परिणाम दर्ज किए हैं। कंपनी ने अपने संचालन से करीब 1,746 करोड़ रुपये की आय प्राप्त की है, जो FY22 के मुक़ाबले 44% की मजबूत वृद्धि है। बोर्ड ने 30% (यानी 3 रुपये प्रति शेयर) डिविडेंड की सिफारिश की है, जो पिछले साल की तुलना में 50% अधिक है।