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दुनिया में सबसे पहले चीन ने अपनी वैक्सीन ‘सिनोवैक’ बनाने का दावा किया था, तभी से चीनी वैक्सीन पर दुनिया ने सवाल उठा दिए थे। अब चीन में कोरोना के कहर और मौतों ने एक बार फिर चीनी वैक्सीन को ‘बेअसर’ साबित किया है। जर्मनी ने भी चीनी वैक्सीन पर भरोसा न करके चीन में जर्मनी के प्रवासियों के लिए अपनी वैक्सीन भेजी है।