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ढाका, 11 जुलाई। ये समाज भले ही महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने की डींगे हांकता हो लेकिन सच तो यही है कि आज भी उन्हें सिर्फ अपनी जरूरत का सामान समझ उनकी मजबूरी फायदा उठाया जाता है। समाज के कई