हाथों में यथार्थ गीता, वजूद में आदर्श राजनीति का सन्देश

by Vimal Kishor

लखनऊ,समाचार10 India। राजनीति में बढ़ते अपराध से आहत हो हाथों में यथार्थ गीता लिए सम्पूर्ण देश के राजनीतिक परिवेश में प्रेम, अपनत्व और विश्वास की पुनर्स्थापना का संकल्प लेकर निकले समाजसेवी कृपा शंकर यादव फिलहाल इस समय दिल्ली स्थित सत्ता के गलियारों में अपने संकल्प को मंजिल तक पहुंचाने में जुटे हुए हैं। जिनका मानना है कि वर्तमान प्रतिकूल परिस्थितियों में स्वामी विवेकानन्द के राजनीतिक सिद्धांतो और प्रभु अड़गड़ानन्द महाराज के सामाजिक व आध्यात्मिक मूल्यों को हर जन तक पहुँचाकर ही सम्पूर्ण भारत में राजनीतिक समरसता स्थापित किया जा सकता है।

समाजसेवी कृपा शंकर यादव ने देश के इक्कीस लोकसभा सदस्यों को यथार्थ गीता भेंट करने के बारे में बताया कि लोकसभा सदस्य ही लोकतांत्रिक व्यवस्था और मूल्यों के वास्तविक संरक्षक होते हैं। भारत का राजनीतिक इतिहास साक्षी है कि देश की आजादी के पश्चात तरह-तरह के विषम परिस्थितियों में भी उस दौर के जनप्रतिनिधियों ने राजनीतिक संकल्प बद्धता और आदर्श राजनीतिक सिद्धांत की बदौलत सम्पूर्ण विश्व में भारत की एक अलग पहचान को स्थापित किया था।

यह सरदार वल्लभ भाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री, राजीव गांधी, युवातुर्क चन्द्रशेखर सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीतिक और सामाजिक जीवटता ही थी कि देश विश्व मंच पर अपनी राजनीतिक और कूटनीतिक संस्कृति के लिए भी जाना जाता था। उस दौर की राजनीति में अपराधियों और बलात्कारियों सहित पूंजीवाद न के बराबर थी। वहीं वर्तमान राजनीतिक दृश्य उस दौर के एकदम उलट हो गया है। देश के संसद भवन में अब अपराधियों, बलात्कारियों और भ्रष्टाचारियो की बढ़ी संख्या लोकतंत्र के वास्तविक मूल्यों के पतन का कारण बन रही है।

समय रहते इस गम्भीर समस्या पर चिन्तन और मनन नही हुआ तो देश की मानवीय स्थिति बदतर हो जाएगी। अपने संकल्प की शुरुआत भारत सरकार के कैबिनेट राज्यमंत्री फग्गनसिंह को यथार्थ गीता भेंटकर करने वाले कृपा शंकर ने बताया कि देश के पूर्व रक्षामंत्री और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव भी संसद में अपराधियों और बलात्कारियों के पहुँचने को लेकर दुःखी और चिन्तित हैं। देश के युवाओ, शिक्षकों और प्रबुद्धजनों का आवाह्न करते हुए कृपा शंकर यादव ने कहा कि देश के निम्न से निम्न लोगो को समाज के मुख्यधारा से जोड़ने के लिए जो सकारात्मक और संगठनात्मक कार्य करे वही सच्चा जनप्रतिनिधि है। लोगो को अब खुलकर इस समस्या के समाधान हेतु चर्चा करना चाहिए।

वहीं वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने के सवाल पर उन्होंने बताया कि इक्कीसवां यथार्थ गीता काशी के सांसद अर्थात देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धर्मग्रन्थ यथार्थ गीता भेंटकर अपने संकल्प के पूर्ण होने की घोषणा करेंगे।

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