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लंदन, 5 अक्टूबर। आधुनिक युग में भी महावारी, मासिक धर्म या पीरियड्स को कई देशों में एक टैबू समझा जाता है, जिसकी वजह से महिलाओं को इस दौरान होने वाली समस्याओं को लेकर खुले मंच पर बात ही नहीं की जाती।