साइटसेवर्स इंडिया ने चोला और सी.एल. गुप्ता आई इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर संभल में ग्रामीण नेत्र स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरुआत की

by Vimal Kishor

 

मुरादाबाद,यूपी-समाचार10 India। साइटसेवर्स इंडिया ने अपने कॉर्पोरेट पार्टनर चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (चोला) और कार्यान्वयन पार्टनर सी.एल. गुप्ता आई इंस्टीट्यूट के सहयोग से संभल जिले में अपना ग्रामीण नेत्र स्वास्थ्य कार्यक्रम आधिकारिक रूप से शुरू कर दिया है। यह कार्यक्रम ग्रामीण समुदायों में टाले जा सकने वाले अंधेपन को दूर करने के लिए हाई इम्पैक्ट मॉडल के रूप में लागू किया गया है।

इस अवसर पर एक बड़ी उपलब्धि भी सामने आई। जूनावाई ब्लॉक की पाँच ग्राम पंचायतें रिवारा, झुकेरा, नंदपुर, लावर और देवर कंचन को कार्यक्रम शुरू होने के बाद से मोतियाबिंद अंधता मुक्त घोषित किया गया। सभी चिन्हित मरीजों की जांच की गई, उन्हें अस्पताल में भेजकर उनका ऑपरेशन किया गया। इसके बाद ये पंचायतें अब पूरी तरह मोतियाबिंद अंधता से मुक्त हो गई हैं।

इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ. राजेंद्र पेंसिया, जिलाधिकारी, संभल ने किया। उन्होंने इस अवसर पर एक नि:शुल्क नेत्र शिविर की भी शुरुआत की। अपने संबोधन में डॉ. पेंसिया ने कहा कि यह संभल के लिए गर्व की बात है कि ऐसा महत्वपूर्ण अभियान यहीं से शुरू हो रहा है। उन्होंने साइटसेवर्स इंडिया, सी.एल. गुप्ता आई इंस्टीट्यूट और चोलामंडलम फाइनेंस लिमिटेड को इस पहल और मोतियाबिंद जनित अंधता को समाप्त करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया।

कार्यक्रम में मौजूद मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण पाठक ने पाँचों पंचायतों के सरपंचों को सम्मानित किया और उन्हें मोतियाबिंद अंधता मुक्त पंचायत बनाने में योगदान के लिए प्रमाणपत्र प्रदान किए। संभल ग्रामीण नेत्र स्वास्थ्य कार्यक्रम का लक्ष्य अगले पाँच वर्षों में चयनित ब्लॉकों में द्विपक्षीय मोतियाबिंद अंधता की दर को 0.3% तक कम करना है। इसके तहत 16,750 से अधिक जांचें और 2,850 मोतियाबिंद सर्जरी करने का लक्ष्य रखा गया है। यह कार्यक्रम ग्रामीण नेत्र स्वास्थ्य व्यवस्था को मज़बूत करने, गाँवों में नेत्र शिविर लगाने, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करने और अस्पतालों व सरकारी संस्थाओं के बीच स्थायी साझेदारी बनाने पर केंद्रित है, ताकि इसका असर लंबे समय तक बना रहे।

साझेदारी से अपेक्षित परिणाम
ग्रामीण समुदायों में गुणवत्तापूर्ण नेत्र सेवाओं की बेहतर व्यवस्था, जिससे उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार।
जागरूकता और नेत्र शिविरों के ज़रिए सेवाओं की माँग और उपयोग में वृद्धि।
ग्रामीण समुदायों में सर्वजन नेत्र स्वास्थ्य को बढ़ावा, ताकि महिलाओं, विकलांगों, दूरदराज़ इलाकों और
कमजोर वर्गों को समान सुविधा मिल सके।
साइटसेवर्स इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, आर.एन. मोहंती ने कहा,“संभल की पाँच ग्राम पंचायतों को मोतियाबिंद अंधता मुक्त घोषित करना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह दिखाता है कि सामूहिक प्रयास से टाला जा सकने वाला अंधापन खत्म किया जा सकता है। साइटसेवर्स इंडिया में हम मानते हैं कि टिकाऊ और समुदाय-आधारित नेत्र स्वास्थ्य प्रणाली ही लंबे समय का समाधान है। चोलामंडलम जैसे मजबूत कॉर्पोरेट पार्टनर और सी.एल. गुप्ता आई इंस्टीट्यूट जैसे अनुभवी कार्यान्वयन सहयोगी के साथ हमें पूरा विश्वास है कि संभल एक आदर्श जिला बनकर उभरेगा।”

चोलामंडलम फाइनेंस के कार्यकारी उपाध्यक्ष और हेड-सीएसआर, नरेंद्र कुमार एन ने कहा, “साइटसेवर्स इंडिया के साथ हमारा जुड़ाव एक साझा दृष्टिकोण पर आधारित है जो टाला जा सकने वाला अंधापन खत्म करने और वंचित समुदायों की जिंदगी में सुधार लाने पर आधारित है। वर्षों से हमने देखा है कि उनकी विशेषज्ञता और साक्ष्य-आधारित काम करने का तरीका जमीनी स्तर पर स्थायी बदलाव लाता है। संभल कार्यक्रम में योगदान देकर हमें गर्व है और यह जानकर खुशी है कि हज़ारों परिवारों की ज़िंदगी में सम्मान, स्वतंत्रता और नए अवसर जुड़ रहे हैं।”

सी.एल. गुप्ता आई इंस्टीट्यूट के प्रवक्ता ने कहा,“संभल ग्रामीण नेत्र स्वास्थ्य कार्यक्रम के कार्यान्वयन पार्टनर के रूप में हमारे लिए यह गर्व की बात है कि हम इस नजरिये को जमीनी स्तर पर साकार कर रहे हैं। ग्राम पंचायतों का मोतियाबिंद अंधता मुक्त होना हमारे लिए मील का पत्थर है। हमारा विश्वास है कि गुणवत्तापूर्ण नेत्र देखभाल सभी तक सुलभ और टिकाऊ होनी चाहिए। मिलकर हम ऐसा मॉडल बना रहे हैं, जो देशभर में दोहराया जा सके और जिसमें लोग और समुदाय सबसे केंद्र में हों।”

You may also like

Leave a Comment