अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत का बजेगा डंका, इसरो का SSLV अगले महीने भर सकता है दूसरी उड़ान, चंद्रयान-3 भी तैयार, जानें पूरी प्लानिंग
by
written by
16
यदि यह उड़ान सफल रही तो इसरो को 10 से 500 किलोग्राम तक वजन के छोटे उपग्रहों के लिए मांग आधारित प्रक्षेपण सेवा शुरू करने का अवसर मिलेगा। इस उड़ान की सफलता इसरो को बड़ी कामयाबी दिलाएगी।