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साल 1971 में पूर्वी पाकिस्तान में जो कुछ हुआ, उसे बताने के लिए दो तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है. पाकिस्तान में इसे ‘गृहयुद्ध’ या अलगाववादी आंदोलन कहा गया, जबकि बांग्लादेश में इसे ‘स्वतंत्रता संग्राम’ बताया गया.