भारत ने की राष्ट्रमंडल समूह में सुधारों की वकालत

by Vimal Kishor

 

न्यूयॉर्क,समाचार10 India-रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी। भारत ने न्यूयॉर्क में आयोजित राष्ट्रमंडल विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान राष्ट्रमंडल समूह में सुधारों की वकालत की है, ताकि इसे ‘आधुनिक समय की वास्तविकताओं’ को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करने वाला बनाया जा सके। इसके साथ ही भारत ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर आयोजित एक मंत्री स्तरीय बैठक में संगठन के मूल्यों एवं सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराया।

विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) राजदूत सिबी जॉर्ज ने 22 सितंबर को आयोजित राष्ट्रमंडल विदेश मंत्रियों की बैठक (सीएफएएमएम) 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि हम राष्ट्रमंडल चार्टर में निहित मूल्यों और सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध है। साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल में ऐसे सुधार होने चाहिए, जो आधुनिक समय की वास्तविकताओं को बेहतर ढंग से दर्शा सकें।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बैठक से जुड़ी जानकारी सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा करते हुए लिखा पूर्व चेतावनी और अत्यधिक गर्मी पर उच्च स्तरीय समाधान संवाद में सचिव (पश्चिम) ने भारत की राष्ट्रीय ताप कार्य योजनाओं, अंतिम-मील अलर्ट के लिए डिजिटल उपकरणों के उपयोग और अत्यधिक गर्मी से निपटने के लिए कम लागत वाले शीतलन समाधानों पर प्रकाश डाला। उन्होंने पूर्व चेतावनी प्रणाली, जोखिम न्यूनीकरण और प्रभावी आपदा प्रबंधन पर काम करके बढ़ते वैश्विक तापमान के कारण होने वाली पर्यावरणीय आपदाओं से निपटने में वैश्विक दक्षिण का समर्थन करने के लिए भारत के भागीदारों के साथ काम करने की तत्परता भी व्यक्त की।

जायसवाल ने एक अन्य पोस्ट में लिखा सचिव (पश्चिम) सिबी जॉर्ज ने 80वें संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान आयोजित सीएफएएमएम 2025 में भाग लिया। सिबी जॉर्ज ने राष्ट्रमंडल चार्टर में निहित मूल मूल्यों और सिद्धांतों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के साथ-साथ समकालीन समय की वास्तविकताओं को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करने के लिए राष्ट्रमंडल में सुधार के बारे में बात की।

सीएफएएमएम एक उच्च-स्तरीय मंच है, जो राष्ट्रमंडल सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों को एक साथ लाता है, ताकि सहयोग को मजबूत करने और 56 देशों के इस संघ की साझा चुनौतियों के लिए संयुक्त प्रतिक्रियाएं विकसित करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया जा सके।

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