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जयपुर, 15 जनवरी। मिलिए राधेश्याम यादव से, जिन्होंने अपनी पांच बेटियों को काबिल बनाने के लिए कभी ट्रक चलाया, कभी डीजल बेचा और खेतों में मजदूरी करने से भी नहीं चूके। ज्यादा बेटियां पैदा होने पर लोगों के ताने सुने सो अलग।