कोलंबो,समाचार10 India-रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी। भारत ने श्रीलंका में मन्नार के जिला सामान्य अस्पताल में दुर्घटना एवं आपातकालीन इकाई के निर्माण के लिए 60 करोड़ श्रीलंकाई रुपये की अनुदान सहायता प्रदान की है। दोनों देशों ने 9 सितंबर को अस्पताल की इमरजेंसी यूनिट के निर्माण और चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त संतोष झा और श्रीलंका के स्वास्थ्य एवं जनसंचार मंत्रालय के सचिव डॉ. अनिल जसिंघे ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए, जबकि स्वास्थ्य एवं जनसंचार मंत्री डॉ. नलिंदा जयतिस्सा ने हस्ताक्षर समारोह में भाग लिया।
कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने एक बयान में कहा इस परियोजना में दो मंजिला दुर्घटना एवं आपातकालीन (ए एंड ई) इकाई का सिविल निर्माण और इकाई के लिए सभी आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की खरीद शामिल है। यह परियोजना डीजीएच मन्नार में एक ए एंड ई इकाई की महत्वपूर्ण आवश्यकता को पूरा करेगी और क्षेत्र के लोगों को आपातकालीन मामलों में समय पर चिकित्सा सहायता प्रदान करके बहुमूल्य जीवन बचाएगी। इससे अस्पताल में भर्ती मरीजों की औसत दैनिक संख्या और उपलब्ध बिस्तरों के बीच के अंतर को पाटकर चिकित्सा सुविधाओं को भी मजबूती मिलेगी।
उच्चायोग ने कहा यह परियोजना स्वास्थ्य क्षेत्र में श्रीलंका में भारत की प्रभावशाली विकास सहयोग परियोजनाओं की लंबी सूची में शामिल हो गई है, जिसमें द्वीप-व्यापी सुवा सेरिया ‘1990’ एम्बुलेंस सेवा, कोविड-19 महामारी के दौरान प्रदान की गई चिकित्सा सहायता, डिकोया में 150 बिस्तरों वाले मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण, जाफना टीचिंग अस्पताल और किलिनोच्ची तथा मुल्लैतिवु स्थित जिला अस्पतालों का उन्नयन और सहायता, टीचिंग अस्पताल, बट्टिकलोआ में एक नई सर्जिकल इकाई का निर्माण, आदि शामिल हैं। इसके अलावा, सुवा सेरिया ‘1990’ एम्बुलेंस सेवा के विस्तार और डीजीएच मुल्लैतिवु में चार मंजिला मेडिकल वार्ड कॉम्प्लेक्स के निर्माण के लिए भारतीय अनुदान सहायता पर वर्तमान में सक्रिय रूप से विचार किया जा रहा है।
बता दें कि भारत अपनी ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति के तहत जरूरतमंद पड़ोसी देशों को विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर सहायता प्रदान कर रहा है। श्रीलंका के शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र के विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में भारत का अमूल्य योगदान है।