रियाद,समाचार10 India-रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी। विदेश मंत्रालय में सचिव (सीपीवी और ओआईए) अरुण कुमार चटर्जी ने 7-8 सितंबर को सऊदी अरब का दौरा किया और भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) राजनीतिक वार्ता में हिस्सा लिया। चटर्जी ने अपने समकक्ष एवं जीसीसी के राजनीतिक मामलों और वार्ता के सहायक महासचिव डॉ. अब्दुलअज़ीज़ अलुवैशेग के साथ व्यापक चर्चा की। इस दौरान उनके साथ अतिरिक्त सचिव (खाड़ी) असीम आर. महाजन भी थे। इस बैठक ने आपसी हितों के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचारों और दृष्टिकोणों का आदान-प्रदान करने का भी एक अच्छा अवसर प्रदान किया।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा दोनों पक्षों ने भारत-जीसीसी संयुक्त कार्य योजना (जेएपी) 2024-2028 के कार्यान्वयन की समीक्षा की, जिसे 8-9 सितंबर, 2024 को रियाद में आयोजित भारत और जीसीसी के बीच रणनीतिक वार्ता के लिए पहली संयुक्त मंत्रिस्तरीय बैठक में अपनाया गया था। चर्चा जेएपी के विभिन्न स्तंभों जैसे राजनीतिक संवाद, सुरक्षा, व्यापार और निवेश, कृषि और खाद्य सुरक्षा, परिवहन, ऊर्जा, स्वास्थ्य, संस्कृति और शिक्षा में सहयोग को गहरा करने पर केंद्रित थी। उन्होंने भारत-जीसीसी सहयोग को गहरा करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में संभावनाओं और पहलों पर चर्चा की और भारत-जीसीसी के बीच उच्च स्तरीय जुड़ाव और संयुक्त गतिविधियों को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
इस दौरान चटर्जी ने जीसीसी के वार्ता दल के प्रमुख और वार्ता के लिए महासचिव डॉ. राजा एम. मरज़ोकी के साथ एक अलग द्विपक्षीय बैठक भी की। उन्होंने भारत-जीसीसी एफटीए के महत्व को रेखांकित किया और जल्द से जल्द वार्ता शुरू करने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने भारत-जीसीसी के बीच व्यापार एवं निवेश संबंधों को गहरा करने के नए रास्ते भी तलाशे। चटर्जी ने भारतीय दूतावास और सऊदी अरब में रहने वाले भारतीय प्रवासियों द्वारा आयोजित एक विशेष स्वागत समारोह में भी भाग लिया, जहां उन्होंने सऊदी के आर्थिक विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को सराहा।
हाल के वर्षों में भारत और जीसीसी देशों के बीच व्यापार, निवेश, ऊर्जा, स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान सहित विभिन्न क्षेत्रों में संबंध प्रगाढ़ हुए हैं। लगभग 1 करोड़ भारतीय प्रवासी जीसीसी क्षेत्र में रहते हैं। भारत और जीसीसी के बीच व्यापार और निवेश वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 178 अरब डॉलर के कुल व्यापार के साथ बढ़ रहा है।