भारत ने यूएन में कहा- संस्थान को समकालीन वास्तविकताओं के साथ तालमेल बिठाना होगा

by Vimal Kishor

 

न्यूयॉर्क,समाचार10 India-रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी। भारत ने संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक के दौरान कहा कि संयुक्त राष्ट्र को समकालीन वास्तविकताओं के साथ तालमेल बिठाना होगा और संयुक्त राष्ट्र तथा इसके प्रमुख अंगों को आज की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करना होगा। न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी. हरीश ने यूएन महासभा के पुनरोद्धार पर प्रस्ताव को अपनाने को लेकर भारत की स्थिति का स्पष्टीकरण देते हुए यह टिप्पणी की।

हरीश ने अपने संबोधन में कहा प्रस्ताव ने संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख विचार-विमर्श, नीति-निर्माण और प्रतिनिधि अंग के रूप में महासभा की केंद्रीय स्थिति को सुदृढ़ किया है। भारत ने हमेशा यह माना है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा की सार्वभौमिकता और अंतर-सरकारी प्रकृति संयुक्त राष्ट्र के इस प्रमुख अंग को केंद्रीयता प्रदान करती है। भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए संयुक्त राष्ट्र को उद्देश्यपूर्ण बनाने का आह्वान समयोचित है और सुधार संयुक्त राष्ट्र की प्रभावकारिता, वैधता और कार्य-क्षमता में सुधार की कुंजी है। इसका मूल ढांचा आठ दशक पहले तैयार किया गया था और संयुक्त राष्ट्र को समकालीन वास्तविकताओं के साथ तालमेल बिठाना होगा और संयुक्त राष्ट्र तथा इसके प्रमुख अंगों को आज की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करना होगा।

यूएन में भारत के स्थायी मिशन के अनुसार भारतीय राजदूत ने कहा महासभा की कार्यात्मक दक्षता में सुधार के उद्देश्य से कार्य पद्धतियों के तहत सुझाए गए उपाय उल्लेखनीय हैं। संयुक्त राष्ट्र सूचना प्रौद्योगिकी के संदर्भ में सदस्य देशों के बीच हाल की चर्चाओं में परिचालन दक्षता पर ध्यान केंद्रित करने के महत्व पर प्रकाश डाला गया है। ये उपाय इस दृष्टिकोण के अनुरूप हैं। भारत विभिन्न तरीकों से इस प्रतिष्ठान का समर्थन करता रहा है। प्रस्ताव इस कार्यालय के महत्व को स्वीकार करता है और इसकी दक्षता, पारदर्शिता और संस्थागत स्मृति को मजबूत करने का समर्थन करता है। भारत इस प्रयास में सक्रिय रूप से योगदान देगा।

भारतीय राजनयिक ने स्पष्ट किया कि इन सिद्धांतों के कार्यान्वयन से संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न कार्यक्षेत्रों के बीच एक अधिक समन्वित और सुसंगत दृष्टिकोण सामने आएगा। उन्होंने कहा मैं महासभा के कामकाज को मजबूत करने के लिए सभी सदस्य देशों के साथ मिलकर काम करने की भारत की तत्परता पर जोर देना चाहता हूं, साथ ही संयुक्त राष्ट्र, विशेष रूप से सुरक्षा परिषद, के समग्र ढांचे में सुधार की आवश्यकता पर ज़ोर देना चाहता हूं, क्योंकि यह अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र की प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।

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