न्यूयॉर्क,समाचार10India। भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की पूर्ण बैठक में शांति स्थापना एवं शांति बनाए रखने, शांति निर्माण कोष और शांति निर्माण आयोग की रिपोर्ट पर आयोजित एक संयुक्त बहस में हिस्सा लिया। भारत ने इस 18वें सत्र में महासचिव आधारित रिपोर्ट्स पर बहस के दौरान शांति निर्माण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी. हरीश ने बीते मंगलवार को संयुक्त बहस में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए शांति स्थापना एवं शांति निर्माण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए और शांति निर्माण संरचना (पीबीएआर) तथा यूएन80 पहल की चल रही समीक्षा के संदर्भ में कई आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला।
न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भारत के स्थायी मिशन ने 2 सितंबर को अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय राजदूत ने राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के पूरक अंतर्राष्ट्रीय समर्थन के साथ सभी शांति निर्माण प्रयासों में राष्ट्रीय स्वामित्व की वकालत की। इस दौरान हरीश ने कहा स्वैच्छिक राष्ट्रीय रोकथाम और शांति निर्माण रणनीतियां (एनपीएस) केवल वैश्विक दक्षिण के देशों तक सीमित नहीं हैं। पीबीसी या अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से सहायता एनपीएस की तैयारी या कार्यान्वयन पर सशर्त नहीं बनाई जानी चाहिए।
उन्होंने पीबीसी, पीबीएफ और व्यापक संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में समन्वय, सुसंगति को मजबूत करने और दोहराव से बचने के लिए यूएन80 प्रक्रिया के लाभ उठाने पर जोर दिया, जिसमें रेजिडेंट समन्वयक इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। हरीश ने क्षेत्रीय और उप-क्षेत्रीय संगठनों के साथ साझेदारी को मजबूत करने के साथ ही समावेशी शांति निर्माण दृष्टिकोणों को सुदृढ़ करने के लिए डब्ल्यूपीएस और वाईपीएस एजेंडा के लिए अधिक समर्थन पर भी जोर दिया।