अहमदाबाद,समाचार10 India। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अहमदाबाद में गुजरात विश्वविद्यालय में आयोजित भाव, राग और ताल के संगम जैसे ‘भारतकूल’ महोत्सव का उद्घाटन करते हुए कहा कि देश और राज्य की कला और संस्कृति को उजागर करने वाले ऐसे आयोजन देश के युवाओं को गुलामी की मानसिकता से बाहर निकालने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी ने विकसित भारत का जो आह्वान किया है, उसे साकार करने के लिए ‘अमृतकाल’ को सचमुच ‘कर्तव्यकाल’ के रूप में साकार करने हेतु सबको मिलकर संकल्पबद्ध होने का मुख्यमंत्री ने आह्वान किया। गुजरात मीडिया क्लब द्वारा आयोजित ‘भारतकूल’ कार्यक्रम के उद्घाटन पर सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ‘भाव’ के बारे में बात करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति में ‘भाव’ का विशेष महत्व है। ‘भाव’ से व्यक्ति और व्यक्तित्व दोनों बदल जाते हैं। यहां तो भाव-ताल-राग का त्रिवेणी संगम होगा, उन्होंने ऐसा जोड़ा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी ने ‘अमृतकाल’ को सचमुच ‘कर्तव्यकाल’ कहा है। ऐसे में यदि हम वर्तमान समय को कर्तव्यकाल के रूप में स्वीकार करेंगे, तभी ‘विकसित भारत’ की कल्पना साकार होगी। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने संस्कृति के बारे में बात करते हुए कहा कि हमें अपनी संस्कृति और इतिहास को सदा जीवित रखना चाहिए। इस प्रकार के कार्यक्रम युवा पीढ़ी को हमारी संस्कृति, कला और इतिहास से जोड़ेंगे, ऐसा मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि युवा पीढ़ी को हमारी सनातन सभ्यता के मूल्यों का परिचय होना भी अत्यंत आवश्यक है। जैसे घने वृक्ष के लिए गहरी और मजबूत जड़ें होना आवश्यक है, वैसे ही संस्कृति, संस्कार और विरासत के संरक्षण को मजबूत बनाने के लिए युवा शक्ति का संलग्न होना भी आवश्यक है, इसकी विस्तृत भूमिका मुख्यमंत्री ने प्रस्तुत की।
मुख्यमंत्री ने प्रेस मीडिया की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि मीडिया का ‘भाव’ समाज के लिए अच्छा करना होता है, इसलिए माध्यमों की सही आलोचना को व्यापक लोकहित में ध्यान में रखते हुए हमें कार्य करना चाहिए। क्योंकि सरकार और माध्यमों दोनों का उद्देश्य आखिरकार लोककल्याण ही है।मुख्यमंत्री ने सभी से मिलकर हमारी संस्कृति और विरासत को जीवित रखते हुए प्रधानमंत्री श्री के ‘विकसित भारत’ के संकल्प को साकार करने के लिए संकल्पबद्ध होने का आह्वान किया।
इस अवसर पर गृह, युवा सेवा और सांस्कृतिक गतिविधियों के मंत्री हर्ष सांघवी ने ‘भारतकूल’ कार्यक्रम के माध्यम से आज की युवा पीढ़ी को भारत, भारतीय संस्कृति और भारतीय विचारों के बारे में गहरी समझ प्रदान करने वाले आयोजन के लिए आयोजकों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति, कला और संगीत को उजागर करने के लिए राज्य सरकार तत्पर है, और भारतकूल के माध्यम से चार दिनों तक धार्मिक, सामाजिक और राष्ट्र निर्माण से संबंधित विभिन्न विषयों पर कार्यक्रमों का अधिक से अधिक युवाओं को लाभ लेने का आह्वान किया।
सांघवी ने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी गुजरात की संस्कृति के साथ-साथ भारत के विभिन्न राज्यों को जोड़ कर उन राज्यों की धरोहर और संस्कृति के बारे में लोगों को जानकारी दे सके, ऐसे कार्यक्रम निरंतर होते रहें, ताकि एक भारत श्रेष्ठ भारत का निर्माण हो सके, ऐसी भावना उन्होंने व्यक्त की।
इस अवसर पर गुजरात मीडिया क्लब के अध्यक्ष श्री निर्णय कपूर ने संस्थान के कार्यों और ‘भारतकूल’ कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी दी और इस आयोजन को भारतीय संस्कृति को उजागर करने वाला माध्यम बताया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री और गृह राज्य मंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर आयोजित शिवकथा और फोटो जर्नलिस्ट्स द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। यह उल्लेखनीय है कि भारतकूल महोत्सव कुल चार दिनों तक चलेगा, जिसमें भाव, राग और ताल के कार्यक्रम जैसे धार्मिक कार्यक्रम, शास्त्रीय संगीत के कार्यक्रम, पत्रकारिता संस्कृति, फिल्मों की संस्कृति, रंगमंच संस्कृति, चित्र प्रदर्शनी, शिल्प प्रदर्शनी, रंगयात्रा, फोटोग्राफी एग्जिबिशन, गुजराती भाषा का रंगारो, भारतीय विज्ञान संस्कृति के कार्यक्रम, स्वास्थ्य, व्यापार वाणिज्य के कार्यक्रम, खेल विचार, पर्यटन तथा राष्ट्रीय निर्माण संबंधी कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।
इस कार्यक्रम में अहमदाबाद की मेयर प्रतिभाबेन जैन, विधायक जीतुभाई पटेल, अहमदाबाद स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन श्री देवांग दानी, गुजरात साहित्य अकादमी के अध्यक्ष भाग्येश झा, गुजरात मीडिया क्लब के वाइस प्रेसिडेंट दीक्षित सोनी, जनरल सेक्रेटरी संजय पांडे, भारतकूल के संस्थापक मल्हार दवे, गुजरात विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर नीरजा गुप्ता, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कर्मी तथा साहित्य प्रेमी और छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।