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बालोद, 14 सितम्बर। छत्तीसगढ़ के एक शिक्षक ने हिंदी भाषा को सहेजने में अपना जीवन बिता दिया। एक शिक्षक होने के नाते भले ही वे बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाते थे। लेकिन हिंदी भाषा के प्रति उनका समर्पण एक मिसाल बन चुका