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बेंगलुरू, 01 जून: मां अपने बच्चों के लिए अपनी जान तक जरूरत पड़ने पर न्यौछावर कर देती हैं। अगर बच्चा खतरें में है तो वो अपनी जान तक पर खेल जाती हैं। इतना ही नहीं अपने बच्चों को बचाने के लिए