उद्यमियों ने फ्लिपकार्ट बिग बिलियन डेज के माध्यम से बनाई विकास की नई राह

by Vimal Kishor

 

 

लखनऊ। फ्लिपकार्ट की वार्षिक फ्लैगशिप इवेंट द बिग बिलियन डेज के माध्यम से उद्यमियों ने विकास की नई राह बनाने में सफलता पाई है। इस सफलता में फ्लिपकार्ट ने महत्वपूर्ण मार्केट इनसाइट्स और डिजिटल स्किल डेवलपमेंट के लिए प्रशिक्षण के माध्यम से अपने प्लेटफॉर्म की ताकत का प्रयोग करते हुए विकास के नए रास्ते खोले हैं और ई-कॉमर्स की क्षमता का लाभ उठाया है। जैसे-जैसे हम इन उद्यमियों की सफलता की कहानी सुनते हैं, हमें सभी कहानियों में एक समानता दिखती है वह है द बिग बिलियन डेज। यह कारोबार की सफलता को नए स्तर पर ले जाने में एक कैटलिस्ट की भूमिका निभाता है। यह सफर अपने कारोबार को सफलता के नए स्तर पर ले जाने की दिशा में बिग बिलियन एक्सप्लोरर्स की प्रतिबद्धता, कठिन परिश्रम और क्षमता को दिखाता है।

सफल होने वाले उद्यमियों में हेस्टी टोज का काम करने वाले आगरा उत्तर प्रदेश के आलोक वर्मा ने जूते के कारोबार की पारिवारिक विरासत और क्वालिटी को लेकर अपने पैशन के साथ तीन साल पहले डिजिटल कारोबार का सफर शुरू किया था। बड़े भाई की प्रेरणा और बाजार के बदलते रुख से प्रोत्साहित होकर उन्होंने महिलाओं और पुरुषों के जूते, स्लिपर्स और सैंडल्स बेचने के लिए ई-कॉमर्स को अपनाया था फ्लिपकार्ट के इस वार्षिक फ्लैगशिप इवेंट बिग बिलियन डेज का इंतजार करते हुए आलोक का उत्साह भी चरम पर है। अपने सपने को लेकर आलोक कहते हैं, मैं अपने कारोबार को और आगे बढ़ाना चाहता हूं। मुझे भरोसा है कि फ्लिपकार्ट के लगातार सहयोग से मैं अपने इस लक्ष्य को अवश्य प्राप्त कर लूंगा। वहीं पश्चिम बंगाल के श्याम एक डायनामिक और समर्पित उद्यमी हैं। एसेंशियल वाटर सॉल्यूशन प्रदान करने की प्रतिबद्धता के साथ इलेक्ट्रो ने अपने आप को फ्लिपकार्ट पर प्रतिष्ठित ब्रांड के रूप में स्थापित किया है। उनका सफर रेजिलिएंस, फैमिली सपोर्ट और ग्रोथ की कहानी है। बात जब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को चुनने की आई, तो वह जानते थे कि फ्लिपकार्ट ही सही विकल्प है।

भारत के प्रीमियर ऑनलाइन मार्केटप्लेस के रूप में फ्लिपकार्ट की उपस्थिति को देखते हुए उन्होंने अपने प्रोडक्ट्स को शोकेस करने और ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों तक पहुंचने के लिए इसे आदर्श प्लेटफॉर्म की तरह पाया। जबकि दिल्ली के आशीष कुकरेजा का अगर कोई मिडल क्लास के सपनों को कलेक्टिव तरीके से देखे, तो यह सपना होगा- नौ से पांच का जीवन जीते हुए सीमित आय से ऊपर उठना। लेकिन इसके लिए दृढ़ता की जरूरत होती है। स्कूल की पढ़ाई पूरी करते ही परिवार का सहयोग करने के लिए कमाना शुरू कर देने वाले आशीष कुकरेजा के लिए जीवन का अनुभव किसी सपने के सच होने जैसा ही रहा है। अपने सपनों को देखते हुए वह अपने जीवन की उपलब्धियों से बहुत संतुष्ट नहीं थे और इसी से उनकी महत्वाकांक्षा को ताकत मिलती थी। 2014 में उन्होंने परिवार एवं दोस्तों के सहयोग से शू ब्रांड क्रासा की स्थापना की थी। यह इतना शुरुआती कदम था कि उनका लिविंग रूम ही उनके लिए फुलफिलमेंट सेंटर बना हुआ था। वह कहते हैं, ऑर्डर की संख्या रोजाना 10 से 50 होने तक मैं, मेरी मां और मेरी बहन मिलकर घर से ही जूते पैक किया करते थे।

जल्दी ही उन्हें वह बात समझ आ गई थी, जो हर फाउंडर को एक पड़ाव पर जाकर समझ आती है। वह कहते हैं, स्टार्टअप शुरू करना आसान है, लेकिन बिक्री करना बहुत मुश्किल है।श् जब पहली बार विकास की राह पर कदम बढ़े तब क्रासा को पहले परिवार से और फिर फॉर्मल फाइनेंस के रूप में फाइनेंशियल सपोर्ट मिला। हालांकि ग्रोथ मल्टीप्लायर मिला फ्लिपकार्ट से। वह कहते हैं, फ्लिपकार्ट के एडवर्टाइजिंग सिस्टम और इसके अन्य सॉल्यूशंस ने प्रोडक्ट को पूरे देश में शोकेस किया फ्लिपकार्ट की तरफ से क्रासा के लिए नियुक्त किए गए अकाउंट मैनेजर ने उन्हें इन्वेंटरी बढ़ाने के बारे में सुझाव दिया, जिससे उत्सुक और कीमत को लेकर ध्यान देने वाले ग्राहकों को जीता जा सके। वह समझाते हुए कहते हैं, श्फ्लिपकार्ट के गाइडेंस से हमने 1200 और फिर 1500 प्रोडक्ट लिस्ट किए।

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