‘किसने कहा रामचरितमानस धार्मिक ग्रंथ है? तुलसीदास ने तो नहीं कहा’, जानिए सपा के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और क्या बोले

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स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर यह कहते हुए पाबंदी लगाने की मांग की थी कि उससे समाज के एक बड़े तबके का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता है। रामचरितमानस पर विवादित बयान देने के बाद लखनऊ में एफआईआर दर्ज कराई गई। 

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